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कौन हैं IPS सतीश गोलचा? जिन्हें मिला तिहाड़ जेल महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार

जिन तीन अधिकारियों के नाम का पैनल गृह मंत्रालय को भेजा गया उनमें 1994 बैच के आइपीएस नीरज ठाकुर 1990 बैच के तेजेंद्र लूथरा व 1992 बैच के सतीश गोलचा शामिल थे। चुनाव आयोग से स्थायी नियुक्ति का आदेश नहीं मिल पाने के कारण गोलचा को अभी अतिरिक्त प्रभार ही दिया गया है। उन्हें स्थायी तौर पर जेल का महानिदेशक बनाया जा सकता है।

By Rakesh Kumar Singh Edited By: Abhishek Tiwari Published: Thu, 02 May 2024 08:02 AM (IST)Updated: Thu, 02 May 2024 08:02 AM (IST)
सतीश गोलचा को तिहाड़ जेल महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। 1992 बैच के अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर के आइपीएस अधिकारी सतीश गोलचा को तिहाड़ जेल के नए महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वर्तमान में उनकी तैनाती दिल्ली पुलिस में विशेष आयुक्त इंटेलीजेंस के तौर पर है।

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चुनाव आयोग से स्थायी नियुक्ति का आदेश नहीं मिल पाने के कारण गोलचा को अभी अतिरिक्त प्रभार ही दिया गया है। संभावना है कि चुनाव आयोग से आदेश मिलते ही उन्हें स्थायी तौर पर जेल का महानिदेशक बना दिया जाएगा।

दैनिक जागरण ने भी 30 अप्रैल के अंक प्रकाशित समाचार में सतीश गोलचा के ही महानिदेशक बनाए जाने की प्रबल संभावना जाहिर की थी। 1989 बैच के एजीएमयूटी कैडर के आइपीएस अधिकारी बेनीवाल 30 अप्रैल को तिहाल जेल महानिदेशक से सेवानिवृत्त हो गए थे।

तीन माह का सेवा विस्तार लेना चाह रहे थे बेनीवाल

सूत्रों के मुताबिक बेनीवाल तीन माह का सेवा विस्तार लेना चाह रहे थे। इसके लिए गृह मंत्रालय से उन्होंने अनुरोध किया गया था। लंबे समय तक उस पर मंत्रालय ने कोई संज्ञान नही लिया।

अंतिम समय में गृह मंत्रालय द्वारा उन्हें सेवा विस्तार देने से इन्कार कर देने पर उपराज्यपाल को तीन वरिष्ठ आइपीएस के नाम का पैनल गृह मंत्रालय को भेजना पड़ा।

गृह मंत्रालय को भेजा गया था तीन अधिकारियों के नाम

जिन तीन अधिकारियों के नाम का पैनल गृह मंत्रालय को भेजा गया उनमें 1994 बैच के आइपीएस नीरज ठाकुर, 1990 बैच के तेजेंद्र लूथरा व 1992 बैच के सतीश गोलचा शामिल थे। तीनों नामों में सतीश गोचला को तिहाड़ का महानिदेशक बनाने के लिए गृह मंत्रालय ने संस्तुति प्रदान की।

उसके बाद गोलचा को नया महानिदेशक बनाए जाने के लिए एलजी वीके सक्सेना ने आचार संहिता लागू होने के कारण चुनाव आयोग से अनुमति मांगी, लेकिन वहां से अब तक कोई आदेश न मिलने पर फिलहाल गोलचा को स्थायी प्रभार न देकर अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया।

मुख्यालय सूत्रों की मानें तो बेनीवाल के सेवा विस्तार के चक्कर में समय पर गृह मंत्रालय में तीन नाम का पैनल नहीं भेजा गया। उनकी सेवानिवृत्ति से एक माह पहले ही अगर तीन नाम का पैनल मंत्रालय को भेज दिया जाता तो अब चुनाव आयोग से अनुमति मिलने में देरी नहीं होती।

दिल्ली दंगे के दौरान थे स्पेशल सीपी लॉ एंड आर्डर

तिहाड़ जेल के नए महानिदेशक पद पर स्थायी तौर पर नियुक्ति की जा सकती थी। गोलचा दिल्ली पुलिस में जिले में डीसीपी, रेंज में संयुक्त आयुक्त और विशेष आयुक्त कानून व्यवस्था भी रह चुके हैं।

उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। दिल्ली दंगे के दौरान 2020 के वह स्पेशल सीपी लॉ एंड आर्डर थे। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में भी पुलिस महानिदेशक के रूप में भी काम किया है।


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