Move to Jagran APP

Smoking Bad Effects: धूम्रपान की लत फेफड़ों के साथ रीढ़ की हड्डी को भी पहुंचा सकती है नुकसान

धूम्रपान सेहत को कई तरीकों से नुकसान पहुंचाता है। स्मोकिंग नर्वस सिस्टम से लेकर सर्कुलेटरी सिस्टम रेस्पिरेटरी सिस्टम के अलावा हार्ट से जुड़ी गंभीर समस्याएं की भी वजह बन सकता है लेकिन कम ही लोग जानते होंगे कि इससे रीढ़ की हड्डी पर भी बुरा असर पड़ता है। समय रहते ध्यान न देने पर चलना-फिरना दूभर हो सकता है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Published: Tue, 30 Apr 2024 11:10 AM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2024 11:10 AM (IST)
धूम्रपान से रीढ़ की हड्डी को होने वाले नुकसान

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Smoking Bad Effects: धूम्रपान की आदत सेहत के लिए बहुत ही खतरनाक है। इसके चलते हर साल दुनियाभर में 80 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। धूम्रपान कैंसर के साथ विकलांगता और कई दूसरी बीमारियों की भी वजह बन सकता है। यहां तक कि ये आपकी स्पाइन हेल्थ को भी प्रभावित कर सकता है। जो शरीर का लगभग आधा भार उठाती है। इसलिए शरीर को स्वस्थ रखने के लिए रीढ़ की हड्डी का स्वस्थ होना बहुत जरुरी है।

loksabha election banner

रीढ़ की हड्डी से स्पाइनल कॉर्ड को स्थिरता, संतुलन और सुरक्षा मिलती है। समय के साथ रीढ़ की हड्डी के आसपास के मसल्स और लिगामेंट्स कमजोर होने लगते हैं, लेकिन नियमित व्यायाम, हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल की मदद से रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ रखा जा सकता है। स्पाइनल हेल्थ कई कारणों से प्रभावित होती है, जिनमें खराब मुद्रा, आनुवंशिकी, मोटापा, चोटों के अलावा धूम्रपान भी शामिल है, जो स्थिति को गंभीर बना सकता है।

रीढ़ की हड्डी को धूम्रपान से होने वाले नुकसान

डॉ. आशीष डागर, कंसल्टेंट, स्पाइन सर्जरी, मनीपाल हॉस्पिटल, गुरुग्राम बताते हैं कि, 'धूम्रपान फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। इससे सांस की बीमारियों और कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है, लेकिन बहुत ही कम कम लोग जानते होंगे कि इस लत से रीढ़ की हड्डी पर भी गंभीर असर पड़ता है। धूम्रपान से डिस्क घिस सकती है, हड्डियों का घनत्व कम हो सकता है और तो और यहां ब्लड का सर्कुलेशन भी सही तरह से नहीं हो पाता। धूम्रपान से स्पाइनल स्टेनोसिस का भी जोखिम बढ़ जाता है, जिसका समय रहते उपचार न किया जाए, तो स्पोंडिलोलिसिस की समस्या हो सकती है। पीठ दर्द, गर्दन में दर्द, चलने-फिरने में परेशानी इस बीमारी के आम लक्षण हैं।

रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं का इलाज

दवाइयां

रीढ़ की हड्डी में होने वाले हल्के और मीडियम पेन के लिए पेन किलर्स दी जाती है, लेकिन स्पाइनल स्टेनोसिस होने पर नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं, एंटीडिप्रेसेंट और ओपिऑयड्स दिए जा सकते हैं।

फिजिकल एक्टिविटीज

रीढ़ की हड्डी को हेल्दी व मजबूत बनाए रखने में फिजिकल एक्टिविटीज बेहद फायदेमंद हैं। जिससे हल्के-फुल्के दर्द में काफी आराम मिलता है, लेकिन अगर दर्द के चलते उठना-बैठना मुश्किल हो गया है, तो किसी भी तरह की एक्सरसाइज करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। 

लाइफस्टाइल में बदलाव

वेट कंट्रोल करके, बैलेंस डाइट लेकर, नियमित रूप से व्यायाम और धूम्रपान की आदत छोड़कर रीढ़ की हड्डी को हेल्दी बनाए रखने में मदद मिलती है।

लेकिन अगर रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्या को दूर करने में दवा या लाइफस्टाइल में जरूरी बदलावों से कुछ फर्क नहीं पड़ रहा, तो डॉक्टर से कंसल्ट करने में देरी न करें। रीढ़ की हड्डी से जुड़ी इन समस्याओं के लिए पोस्टीरियर डिकंप्रेशन और फिक्सेशन फ्यूजन सर्जरी जैसी सर्जिकल प्रक्रियाएं की जाती हैं। 

ये भी पढ़ेंः- ये गलतियां बना सकती हैं आपको सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस का शिकार, जानें कैसे बचें इससे

Pic credit- freepik


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.