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Masik Karthigai 2024: मासिक कार्तिगाई पर होती है भगवान कार्तिकेय की पूजा, मुख्य द्वार पर इस तरह जलाएं दीपक

पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में कृतिका नक्षत्र के दिन मासिक कार्तिगाई का पर्व मनाया जाता है। इस दिन पर दिन भगवान शिव और मां पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय की पूजा करने का विधान है। विधान है। इस दिन पर भगवान कार्तिकेय (Masik Karthigai 2024) के निमित्त मुख्य द्वार पर दीया जलाने का भी विधान है। ऐसे में आइए जानते हैं इसकी विधि।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Published: Thu, 02 May 2024 02:27 PM (IST)Updated: Thu, 02 May 2024 02:27 PM (IST)
Masik Karthigai 2024: मासिक कार्तिगाई पर मुख्य द्वार पर इस तरह जलाएं दीपक।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Karthigai 2024 Date: मासिक कार्तिगाई को कार्तिगाई दीपम के रूप में भी जाना जाता है। इस पर्व का नाम भगवान कार्तिकेय के नाम पर ही रखा गया है। यह पर्व मुख्य रूप से दक्षिण भारत में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। मासिक कार्तिगाई को शाम के समय घरों और गलियों में तेल के दीप एक कतार में जलाएं जाते हैं। धार्मिक दृष्टि से ऐसा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। 

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इस दिशा में जलाएं दीपक

मासिक कार्तिगाई के दिन मुख्य द्वार पर दीपक जलाने के दौरान वास्तु के अनुसार, सही दिशा का भी ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है। वास्तु के अनुसार, इस दिन मुख्य द्वार पर दीपक की लौ को पूर्व दिशा में रखने से व्यक्ति को दीर्घायु की प्राप्ति होती है। वहीं, इस विशेष दिन पर दीपक की लौ उत्तर दिशा में रखने से धन प्राप्ति के योग बनते हैं।

करें इन मंत्रों का जाप

मासिक कार्तिगाई के दिन मुख्य द्वार पर दीपक प्रज्जवलित करते समय इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। इससे साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।

दीपज्योति: परब्रह्म:

दीपज्योति: जनार्दन:

दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नमोस्तुते

शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां

शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति

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इन बातों का रखें ध्यान

मासिक कार्तिगाई के दिन सूर्यास्त के बाद यानी शाम को मुख्य द्वार पर दीपक जलाया जाता है। इस दिन आप अपनी इच्छा के अनुसार तेल या घी का दीपक जला सकते हैं। यह दीपक मिट्टी का होना चाहिए। इसके अलावा इस दिन आटे का दीपक बनाकर मुख्य द्वार पर जलाना भी अति उत्तम माना जाता है। ऐसा करने से घर में सकारात्मकता का संचार बढ़ता है, जिससे परिवार में सुख-समृद्धि का माहौल बना रहता है। 

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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