Move to Jagran APP

पश्चिमी अफगानिस्तान में हमला, नमाज के दौरान शिया मस्जिद में गोलीबारी, 6 नमाजियों की मौत

पश्चिमी अफगानिस्तान में एक बंदूकधारी ने शिया मस्जिद के अंदर गोलीबारी कर 6 नमाजियों की हत्या कर दी। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि जिस वक्त मस्जिद के अंदर गोलीबारी की घटना हुई। उस वक्त लोग नमाज पढ़ रहे थे। इस हमले में छह लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। तालिबान के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Published: Tue, 30 Apr 2024 02:29 PM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2024 02:29 PM (IST)
पश्चिमी अफगानिस्तान में एक बंदूकधारी ने शिया मस्जिद के अंदर गोलीबारी कर 6 नमाजियों की हत्या कर दी।

एपी, इस्लामाबाद। पश्चिमी अफगानिस्तान में एक बंदूकधारी ने शिया मस्जिद के अंदर गोलीबारी कर 6 नमाजियों की हत्या कर दी। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि जिस वक्त मस्जिद के अंदर गोलीबारी की घटना हुई। उस वक्त लोग नमाज पढ़ रहे थे। इस हमले में छह लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।

loksabha election banner

तालिबान के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों और अफगानिस्तान के एक पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि हमलावर ने मस्जिद को इसलिए निशाना बनाया, क्योंकि यह शिया मस्जिद है। तालिबान के आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल मतीन कानी के मुताबिक, हमला सोमवार रात हेरात प्रांत के गुजरा जिले में हुआ।

यह भी पढ़ें: 'हम दिवालियापन से बचने के लिए भीख मांग रहे हैं और भारत...', पाकिस्तान के विपक्षी नेता ने शहबाज सरकार को सुनाई खरी-खरी

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि जांच चल रही है। किसी ने तुरंत हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। इस हमले में एक अन्य उपासक भी घायल हो गया और हमलावर घटनास्थल से भाग गया है। स्थानीय मीडिया ने बताया कि मारे गए लोगों में मस्जिद के इमाम भी शामिल हैं।

अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने एक्स पर कहा, "मैं इमाम जमान मस्जिद पर हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मैं इस आतंकवादी कृत्य को सभी धार्मिक और मानवीय मानकों के खिलाफ मानता हूं।"

गौरतलब है कि अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट समूह का सहयोगी तालिबान का एक प्रमुख प्रतिद्वंद्वी है और अक्सर देशभर में स्कूलों, अस्पतालों, मस्जिदों और शिया क्षेत्रों को निशाना बनाता है। 20 साल के युद्ध के बाद देश से अमेरिकी और नाटो सैनिकों की अराजक वापसी के आखिरी हफ्तों के दौरान, अगस्त 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा कर लिया था।

यह भी पढ़ें: Pakistan: इमरान खान की रिहाई के लिए पीटीआई ने किया ट्रेन मार्च, ' छीने गए जनादेश' के लिए संघर्ष तेज करने पर दिया जोर

अधिक उदार रुख के शुरुआती वादों के बावजूद तालिबान ने धीरे-धीरे इस्लामी कानून या शरिया की कठोर व्याख्या को फिर से लागू किया, जैसा कि उन्होंने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान के अपने पिछले शासन के दौरान किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.