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अब भारतीय पहनेंगे आरामदायक और फिट जूते, UK और US नहीं 'Bha' दिलाएगा परफेक्ट शू साइज

अब भारत में खुद का जूतों का साइज होगा जिसका नाम Bha रखा जाएगा। भारतीयों को अब जूतों के साइज के लिए अमेरिका और लंदन के तय मानकों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।भा ( BHA shoe size system ) नाम का प्रस्ताव भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए लाया गया । उम्मीद जताई जा रही है कि भा साइज 2025 तक मौजूदा यूके/यूरोपीय और यूएस साइजिंग सिस्टम को बदल देगा।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Published: Wed, 24 Apr 2024 08:02 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2024 08:02 PM (IST)
UK और US नहीं 'Bha' दिलाएगा परफेक्ट शू साइज (Image: Jagran)

ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। BH Shoes Size: ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान हम जूतों के लिए अक्सर यूके और यूएस के साइज पर निर्भर रहते है, लेकिन भारत अब आत्मनिर्भर की ओर एक कदम बढ़ा रहा है। अब भारत में खुद का जूतों का साइज होगा, जिसका नाम 'Bha' रखा जाएगा। भारतीयों को अब जूतों के साइज के लिए अमेरिका और लंदन के तय मानकों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

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भा (Bha) नाम का प्रस्ताव भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए लाया गया। इस पहल का उद्देश्य भारत में जूते के निर्माण के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाना है। उम्मीद जताई जा रही है कि भा (Bha) साइज 2025 तक मौजूदा यूके/यूरोपीय और यूएस साइजिंग सिस्टम को बदल देगा।

10 हजार लोगों पर किया गया ट्रायल

बता दें कि फुटवियर के लिए वर्तमान इंडियन स्टैंडर्ड साइज यूरोपीय और फ्रांसीसी मानकों पर आधारित है, लेकिन Bha को लाने के पीछे का मकसद देश के विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के लिए अधिक आरामदायक फिट साइज बनाना है। ये न केवल पैर की लंबाई बल्कि चौड़ाई के साइज का भी पूरा ध्यान रखेगा। इसके लिए बीते साल एक यूजर ट्रायल भी किया गया था, जिसमें लगभग 5 से 55 वर्ष के 10 हजार लोगों के ग्रुप के जूतों के साइज का स्टडी किया गया। अब इन ट्रायल के नतीजों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।

ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड को भेजी गई रिपोर्ट

दरअसल, दिसंबर 2021 में डिपार्टमेंट फॉर प्रोमोशन ऑफ इंडस्ट्री और इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर चेन्नई में 'भारतीय फुटवियर साइजिंग सिस्टम' को विकसित किया। ये भारतीयों की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से ही तैयार किया गया। हाल ही में पैन-इंडिया सर्वे ने इस पर एक रिपोर्ट ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड को अप्रूवल के लिए भेजा था।

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