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Ganga Saptami 2024: गंगा सप्तमी के दिन घर पर इस विधि से करें मां गंगा की विशेष पूजा, हो जाएंगे धनवान

इस साल गंगा सप्तमी (Ganga Saptami 2024) 14 मई को मनाई जाएगी। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन देवी गंगा का जन्म हुआ था इसलिए इसे गंगा जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन दोपहर के समय देवी गंगा की विशेष पूजा करने का विधान है। इसके अलावा इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है तो आइए घर पर कैसे मनाएं गंगा सप्तमी जानते हैं ?

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Published: Sun, 05 May 2024 11:39 AM (IST)Updated: Sun, 05 May 2024 11:39 AM (IST)
Ganga Saptami 2024: गंगा सप्तमी पूजा -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganga Saptami 2024: हिंदू संस्कृति में गंगा सप्तमी का बहुत महत्व है। यह त्योहार हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस साल गंगा सप्तमी 14 मई, 2024 को मनाई जाएगी। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन देवी गंगा का जन्म हुआ था, इसलिए इसे गंगा जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन दोपहर के समय देवी गंगा की विशेष पूजा करने का विधान है। इसके अलावा इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है।

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वहीं, अगर आप किसी कारणवश गंगा स्नान व पूजन करने के लिए नहीं जा पा रहे हैं, तो आपको घर पर ही उनकी विधि अनुसार पूजा करनी चाहिए, तो आइए घर पर कैसे मनाएं गंगा सप्तमी जानते हैं ?

गंगा सप्तमी 2024 कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली सप्तमी तिथि की शुरुआत 13 मई, 2024 शाम 5 बजकर 20 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 14 मई, 2024 शाम 6 बजकर 49 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए गंगा सप्तमी का पर्व 14 मई, 2024 को मनाया जाएगा। इसके साथ ही इसी दिन स्नान और दान की परंपरा की जाएगी।

 ऐसे करें मां गंगा की घर पर पूजा 

गंगा सप्तमी के दिन पानी में गंगाजल मिलाकर ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करें। इसके बाद मां गंगा की तस्वीर व थोड़ा सा गंगा जल कलश में भर के स्थापित करें। देवी को फूल, सिन्दूर, अक्षत, गुलाल, लाल फूल, लाल चंदन चढ़ाएं। इसके बाद गुड़, मिठाई, फल का भोग लगाएं। अंत में धूप-दीप जलाकर श्री गंगा सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें। इसके साथ ही गंगा जी के वैदिक मंत्रों का जाप करें।

पूजा का समापन आरती से करें। तामसिक चीजों का सेवन न करें। गरीबों को भोजन खिलाएं। अंत में प्रसाद का वितरण घर के सदस्यों में करें। साथ ही पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमायाचना करें।

गंगा सप्तमी पर करें इन मंत्रों का जाप

  • ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:
  • गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति

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डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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