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Chang'e-6 Mission: चीन का मिशन मून लॉन्च, पाकिस्तान से क्या है कनेक्शन; चट्टानों के नमूने और चंद्रमा की धूल के साथ करने जा रहा ये काम

China Mission Moon Change-6 चीन ने इससे पहले चंद्रमा पर एक रोवर उतारने सहित मानवरहित मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। चीन ने मंगल ग्रह पर एक रोवर भी भेजा है और एक अंतरिक्ष स्टेशन भी बनाया है जो वर्तमान में काम कर रहा है। कुछ समय पहले चीन ने 2030 तक चंद्रमा पर मानवयुक्त लैंडिंग की योजना की घोषणा की थी।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Published: Fri, 03 May 2024 05:34 PM (IST)Updated: Fri, 03 May 2024 05:50 PM (IST)
Chang'e-6 mission: चीन का मिशन मून लॉन्च (File News)

पीटीआई, बीजिंग/वेनचांग। चीन ने शुक्रवार को अपने मून मिशन चांग'ई-6 यान को लॉन्च कर दिया। चीन ने चंद्रमा के सुदूर हिस्से से पहली बार नमूने एकत्र करने और उन पर रिसर्च करने के लिए 53 दिवसीय मिशन शुरू किया है। चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) ने कहा कि चांग'ई-6 मिशन को चंद्रमा के सुदूर हिस्से से नमूने एकत्र करने और फिर उन्हें पृथ्वी पर वापस लाने का काम सौंपा गया है। मानव चंद्र अन्वेषण के इतिहास में यह अपनी तरह का पहला प्रयास है।

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53 दिनों तक चलेगा चांग'ई-6 मिशन

चीन का यह पूरा मिशन 53 दिनों तक चलेगा। चंद्रमा का सुदूर भाग पृथ्वी से दिखाई नहीं देता है। प्रक्षेपण के एक घंटे बाद, चीनी अधिकारी ने घोषणा की कि चांग'ई-6 का प्रक्षेपण पूरी तरह सफल रहा। चंद्रमा पर रिसर्च के लिए (लॉन्ग मार्च-5 Y8) रॉकेट द्वारा चीन के दक्षिणी द्वीप प्रांत हैनान के तट पर वेनचांग अंतरिक्ष प्रक्षेपण स्थल से आसानी से लॉन्च किया गया। लॉन्च का सरकारी टेलीविजन द्वारा सीधा प्रसारण किया गया।

चार घटक पर आधारित 'चांग' ई-6 मिशन

सीएनएसए के अनुसार, चांग'ई 6 में चार घटक शामिल हैं: एक ऑर्बिटर, एक लैंडर, एक एसेंडर और एक पुनः प्रवेश मॉड्यूल। चंद्रमा पर धूल और चट्टानों के नमूनों को इकट्ठा करने के बाद, नमूनों को पुन: प्रवेश मॉड्यूल में स्थानांतरित करने के लिए चंद्र ऑर्बिटर में ले जाएगा। उसके बाद उन्हें वापस पृथ्वी पर लाया जाएगा। सीएनएसए ने पहले कहा था कि मिशन स्वचालित नमूना संग्रह, टेक-ऑफ और चंद्रमा के दूर से चढ़ाई जैसी प्रमुख टेक्नॉलजी में सफलता हासिल करने के लिए तैयार है। इस बीच यह लैंडिंग क्षेत्र का वैज्ञानिक अन्वेषण करेगी।

चीन के मून मिशन में पाकिस्तान का ऑर्बिटर भी शामिल

सीएनएसए ने घोषणा की है कि फ्रांस, इटली और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी/स्वीडन के वैज्ञानिक उपकरण चांग'ई-6 मिशन के लैंडर पर और ऑर्बिटर पर एक पाकिस्तानी पेलोड होंगे। यह पहली बार है कि चीन ने अपने चंद्रमा मिशन में अपने सदाबहार सहयोगी पाकिस्तान के ऑर्बिटर को शामिल किया है।

चीन और पाकिस्तान ने मिलकर तैयार की सैटेलाइट

इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी (आईएसटी) के हवाले से पाकिस्तान से आई रिपोर्ट के मुताबिक, सैटेलाइट आईसीयूबीई-क्यू को चीन की शंघाई यूनिवर्सिटी एसजेटीयू और पाकिस्तान की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी सुपारको के सहयोग से आईएसटी द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। आईसीयूबीई-क्यू ऑर्बिटर चंद्रमा की सतह की छवि लेने के लिए दो ऑप्टिकल कैमरे ले जाता है।

चीन की चंद्रमा पर चंद्र स्टेशन बनाने की योजना

चांग'ए चंद्र अन्वेषण जांच का नाम चीनी पौराणिक 'चंद्रमा देवी' के नाम पर रखा गया है। चांग'ई 5 चंद्रमा के निकट से नमूने लेकर आया। चीनी ने कहा कि नमूनों के विश्लेषण से पता चला कि उनमें चंद्र की धूल में लगे छोटे कणों में पानी था। चीन भविष्य में चंद्रमा पर एक चंद्र स्टेशन बनाने की भी योजना बना रहा है।

बता दें कि हाल ही में भारत ने अपने मिशन मून चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के पास उतरने वाला पहला देश बन गया।

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