Move to Jagran APP

FSSAI ने मसालों में 10 गुना ज्यादा कीटनाशक को मंजूरी वाली खबरों को बताया फर्जी, यह है पूरा मामला

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने जड़ी-बूटियों और मसालों में तय मानक से 10 गुना अधिक कीटनाशक मिलाने की इजाजत देने से जुड़ी सभी मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है। फूड रेगुलेटर ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि इस तरह की सभी खबरें फर्जी और दुर्भावनापूर्ण हैं। आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है और क्यों फूड रेगुलेटर को स्पष्टीकरण देना पड़ा है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Published: Sun, 05 May 2024 03:28 PM (IST)Updated: Sun, 05 May 2024 03:28 PM (IST)
FSSAI भी मसालों कंपनियों की जांच कर रहा है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने जड़ी-बूटियों और मसालों में तय मानक से 10 गुना अधिक कीटनाशक मिलाने की इजाजत देने से जुड़ी सभी मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है। फूड रेगुलेटर ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि इस तरह की सभी खबरें फर्जी और दुर्भावनापूर्ण हैं।

loksabha election banner

FSSAI ने कहा, 'भारत में मैक्सिमम रेसेड्यू लेवल (MRL) यानी कीटनाशक मिलाने की तय सीमा दुनियाभर में सबसे सख्त मानकों में से एक है। किस खाद्य सामाग्री में कितना कीटनाशक का MRL होगा, यह उनके जोखिम के आधार पर अलग-अलग तय किए जाते हैं।'

कुछ कीटनाशकों के लिए बढ़ी थी लिमिट

फूड रेगुलेटर FSSAI ने यह स्वीकार किया कि कुछ कीटनाशक के लिए उसने लिमिट बढ़ाई थी, जो भारत में केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और रजिस्ट्रेशन कमेटी (CIB & RC) से रजिस्टर्ड नहीं हैं। उनके लिए यह लिमिट 0.01 mg/kg से 10 गुना बढ़ाकर 0.1 mg/kg की गई थी।

FSSAI ने स्पष्ट किया कि यह बदलाव साइंटिस्ट पैनल की सिफारिश पर किया था। भारत में CIB & RC कीटनाशकों की मैन्युफैक्चरिंग, इंपोर्ट-एक्सपोर्ट, ट्रांसपोर्ट और स्टोरेज जैसी चीजों की निगरानी करती है। FSSAI ने कहा, 'MRL प्रकृति में गतिशील हैं और इनमें वैज्ञानिक डेटा के आधार पर नियमित रूप से बदलाव होता रहता है। यह चीज ग्लोबल स्टैंडर्ड के हिसाब से होती है।'

FSSAI भी कर रहा मसालों की जांच

पिछले महीने सिंगापुर और हांगकांग ने MDH और एवरेस्ट के कुछ मसालों पर बैन लगा दिया और उन्हें वापस लेने का भी आदेश दिया। उनका आरोप था कि इन मसालों में हानिकारक एथिलीन ऑक्साइड है, जो कैंसर की वजह बन सकता है। अमेरिका समेत कम से कम पांच देश भारतीय मसालों की जांच कर रहे हैं।

FSSAI भी मसालों कंपनियों की जांच कर रहा है। उसने मसाला पाउडर बनाने वाली कंपनियों के कारखानों का निरीक्षण करने के साथ सैंपल जुटाने और टेस्टिंग करने का निर्देश दिया है। फूड रेगुलेटर यह भी जांच करेगा कि क्या मसाला कंपनियों के प्रोडक्ट्स में एथिलीन ऑक्साइड मौजूद है।

यह भी पढ़ें : Spices Export from India: कभी भारतीय मसालों के लिए तरसती थी दुनिया, अब क्यों लग रहे प्रतिबंध?

 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.