Chhath Puja 2024: छठ पूजा पर अवश्य करें भगवान सूर्य की यह आरती, धन-यश में होगी अपार वृद्धि
इस साल छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय के साथ 5 नवंबर को हो रही है। इस दौरान व्रती 36 घंटे का उपवास रखते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस पवित्र व्रत को रखने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। यह व्रत (Chhath Puja 2024) छठी माता और भगवान सूर्य को समर्पित है। ऐसे में इस दौरान सूर्य उपासना अवश्य करनी चाहिए।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। छठ पूजा का हिंदू धर्म में बेहद महत्व है। इस दौरान भक्त छठी मैया और भगवान सूर्य की आराधना और कठिन व्रत का पालन करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ पूजा 4 दिनों तक चलता है। यह साल में दो बार चैत्र और कार्तिक महीने में मनाया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह में आने वाले इस महापर्व (Chhath Puja 2024) की शुरुआत 5 नवंबर को नहाय-खाय से होगी। वहीं, इस महापर्व का समापन 8 नवंबर-उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा।
ऐसी मान्यता है कि इस दौरान भगवान सूर्य को अर्घ्य देना और उनकी भाव के साथ आरती करना बेहद शुभ माना जाता है, तो आइए यहां ''सूर्य आरती'' पढ़ते हैं।
।।सूर्य देव की आरती।। (Bhagwan Surya Dev Ji Ki Aarti)
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।।।ॐ जय सूर्य भगवान...।।ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2024: क्या है छठ पूजा में नहाय-खाय का महत्व, आखिर क्यों है यह इतना महत्वपूर्ण?
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।