ऑटोमैटिक कार चलाते समय न करें ये गलतियां, पलक झपकते हो सकता है एक्सीडेंट
ऑटोमैटिक कारों के अपने कुछ फायदे और नुकसान है ऑटोमैटिक कार को चलाते समय आपको कई बातों का ख्याल रखना चाहिए ताकि आप उन गलती को न करें और उसके कारण आपके आस -पास किसी को परेशानी न हो । (जागरण फाइल फोटो)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। मैनुअल कारों की तुलना में ऑटोमैटिक कारों के अपने कुछ फायदे और नुकसान है और कुछ तो ड्राइविंग की आदतें होती हैं जिन्हें ऑटोमैटिक कार चलाते समय टाला जाना चहिए। आधुनिक कारों में तीन प्रकार की ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन तकनीक है, CVT (कंटीन्यूअसली वेरिएबल ट्रांसमिशन), AMT (ऑटोमेटेड मैनुअल ट्रांसमिशन) और डुअल-क्लच ऑटोमेटेड मैनुअल। चलिए आपको बताते हैं ऑटोमैटिक कार को चलाते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए और क्या नहीं करना चहिए।
स्पीड में होने पर N पर शिफ्ट न करें
जब भी आप ऑटोमैटिक कार को चला रहे हैं तो कभी भी न्यूट्रल शिफ्ट न करें। आपको तभी शिफ्ट करना चाहिए जब आप पूरी तरह से रुक गए हों। कार के चलते समय न्यूट्रल गियर में बदलने से ट्रांसमिशन सिस्टम पर टूट-फूट की संभावना अधिक बढ़ सकती है।
अपने बाएं पैर का इस्तेमाल न करें
ऑटोमैटिक कारें क्लच को छोड़कर केवल दो पैडल के साथ आती है। इसका मतलब ये है कि बाएं पैर की जरूरत नहीं है। कई लोग मैन्युअल कार की तरह ही ऑटोमैटिक कार चलाते समय दोनों पैरों का इस्तेमाल करने की गलती करते हैं। यह आपको एक ही समय में गलती से तेज और ब्रेक करने का कारण बन सकता है। जिसके कारण आप कंट्रोल खो देंगे। इसलिए ऑटोमैटिक कार चलाते समय कभी भी बाएं पैर का इस्तेमाल न करें।
हैंडब्रेक और पार्क मोड का इस्तेमाल करें
कार पार्क करते समय हमेशा गियर शिफ्टर को पार्क मोड में रखें। इसके साथ ही के खड़े होने पर हैंडब्रेक खींच लें। हैंड ब्रेक का इस्तेमाल न करने से गाड़ी के ट्रांसमिशन मैकेनिज्म पर काफी प्रेशर पड़ता है। वहीं हैंडब्रेक के ठीक से काम न करने की स्थिति में पार्क मोड गाड़ी को आगे या पीछे जाने से रोकता है। एएमटी कारों के मामले में, शिफ्ट को न्यूट्रल मोड में रखें और हैंडब्रेक लगाएं, क्योंकि वे पार्क मोड के साथ नहीं आती है।