Bharat NCAP vs Global NCAP: भारतीय ग्राहकों के हिसाब से दोनों में कौन बेहतर? आसान भाषा में समझें
BNCAP vs GNCAP Bharat NCAP के तहत पेट्रोल -डीजल के अलावा सीएनजी और Bharat NCAP vs Global NCAPइलेक्ट्रिक कारों को भी टेस्ट किया जाएगा। इनको इनके परफॉर्मेंस के आधार पर रेटिंग दी जाएगी।जब कार की टेस्ट की जाती है तो टॉप स्पीड को भी परखा जाता है।Bharat NCAP के लिए फ्रंटल क्रैश टेस्ट को 64 किमी/घंटा की स्पीड से टेस्ट किया जाता है।
नई दिल्ली,ऑटो डेस्क। Bharat NCAP vs Global NCAP Difference : भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में सबसे खास पल आ गया है जिससे लोगों को सबसे लंबे समय से इंतजार था। आपको बता दें, कल ही भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (Bharat NCAP) लॉन्च हुआ है।
देश में कारों की टेस्टिंग के लिए इस प्रोग्राम का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। यूनियन रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे मिनिस्टर नितिन गडकरी ने भारत एनसीएपी को लॉन्च किया है। अब तक कार की सेफ्टी टेस्ट करने के लिए ग्लोबल एजेंसियों के पास जाना पड़ता है। लेकिन भारत एनसीएपी आने के बाद देश में ही टेस्टिंग हो जाएगी।
Global NCAP कारों का क्रैश टेस्ट करके सेफ्टी स्टार रेटिंग देता है
आपको बता दें, अभी के समय में Global NCAP कारों का क्रैश टेस्ट करके सेफ्टी स्टार रेटिंग देता है। लेकिन , यही काम अब Bharat NCAP करेगा। अब भारत में ही कारों की टेस्टिंग होगी और रेटिंग दिया जाएगा। इसे कंपनियां अपनी गाड़ियों को ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (AIS) 197 के तहत टेस्ट करा सकती हैं। भारत एनसीएपी 1 अक्टूबर 2023 से लागू हो जाएगी। चलिए आपको बताते हैं ग्लोबल एनसीएपी होने के बाद भी भारत एनसीएपी में कितना अंतर है।
Bharat NCAP vs Global NCAP: अंतर
Global NCAP 2013 Latin NCAP प्रोटोकॉल के तहत कारों को टेस्ट करती है। दूसरी ओर भारत एनसीएपी में कार टेस्ट करने के लिए दौरान भारतीय ड्राइविंग रूल्स का भी ख्याल रखा जाएगा। इन दोनों के बीच अच्छा -खासा अंतर है।
सेफ्टी रेटिंग
Global NCAP में कार को सेफ्टी में 5 स्टार रेटिंग मिलती है। (एडल्ट के लिए ) प्वाइंट के हिसाब से 34 पॉइंट मिलता है। इनमें 16 पॉइंट फ्रंट क्रैश टेस्ट, 16 पॉइंट साइड इम्पैक्ट और 2 पॉइंट सीट बेल्ट रिमाइंडर के लिए होता है। दूसरी ओर Bharat NCAP में 5 स्टार रेटिंग मिलती है। गाड़ी को एडल्ट सवारी सेफ्टी के लिए कम से कम 27 प्वाइंट मिलता है। चाइल्ड सेफ्टी के लिए इसमें कम से कम 41 पॉइंट मिलता है।
क्रैश टेस्ट
Bharat NCAP के तहत क्रैश टेस्ट के प्रोटोकॉल नियम के तरह हैं। कार को क्रैश टेस्ट करने के दौरान तीन तरह की जांच की जाएगी। इसमें ऑफसेट डिफॉर्मेबव बैरियर फ्रंटल इम्पैक्ट टेस्ट , साइड इम्पैक्ट टेस्ट और पोल साइड इम्पैक्ट टेस्ट शामिल है।
टॉप स्पीड
जब कार की टेस्ट की जाती है तो टॉप स्पीड को भी परखा जाता है। Bharat NCAP के लिए फ्रंटल क्रैश टेस्ट को 64 किमी/घंटा की स्पीड से टेस्ट किया जाता है। दूसरी ओर, साइड और पोल साइड इम्पैक्ट टेस्ट को 50 किमी/घंटा और 29 किमी/घंटा रफ्तार पर टेस्ट किया जाता है। ये थोड़े बदलाव के साथ Global NCAP के सामान्य ही है।
इन कारों का टेस्ट होगा
Bharat NCAP के तहत पेट्रोल -डीजल के अलावा सीएनजी और इलेक्ट्रिक कारों को भी टेस्ट किया जाएगा। इनको इनके परफॉर्मेंस के आधार पर रेटिंग दी जाएगी।
सेफ्टी रेटिंग
ग्लोबल एनसीएपी कारों की सेफ्टी रेटिंग दो तरह से होती है। इसके तहत एडल्ट लोगों को लिए अलग और चाइल्ड प्रोटेक्शन के लिए अलग रेटिंग मिलती है। लेकिन भारत NCAP में कारों को ओवरऑल सिंगल रेटिंग मिलेंगी।भारत का टेस्ट प्रोग्राम आने के बाद से अब भारत में ही कारों को रेटिंग दी जाएगी। इसके कारण देश में सेफ कारों की मौजूदी बढ़ने का आसार है।