इंजन का CC यानी गाड़ी की जान, केवल पावर ही नहीं इन चीजों से भी है जुड़ाव
CC in Cars And Bikes अगर आप किसी गाड़ी को खरीदने जा रहे हैं और इसके स्पेसिफिकेशन के बारे में जानकारी लेते हैं तो इसके इंजन को CC से दिखाया जाता है। पर क्या मतलब है इस CC का? इसी के बारे में विस्तार से जानेंगे।
By Sonali SinghEdited By: Updated: Wed, 23 Nov 2022 07:48 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। आपने अक्सर देखा होगा कि कार या मोटरसाइकिलों के इंजन को CC में शो किया जाता है। गाड़ी खरीदते समय यह CC ग्राहकों को बहुत कंफ्यूज करता है, क्योंकि इसके ज्यादा या कम होने पर गाड़ी इसका असर गाड़ी की कीमतों पर पड़ता है। पर सवाल उठता है कि इंजनों के पावर के साथ लगने वाले CC का क्या मतलब है और यह कैसे बाइक के परफॉर्मेंस को प्रभावित करता है? आज हम आपको इसी से जुड़ी जरूरी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं।
क्या है CC का मतलब?
गाड़ियों के इंजन पावर को दिखने वाले CC का फुल फॉर्म क्यूबिक कपैसिटी होता है। क्यूबिक कपैसिटी किसी भी गाड़ी में उसके इंजन के अधिकतम पावर आउटपुट को दिखाता है। मूल रूप से, कक्ष या सिलेंडर के क्यूबिक सेंटीमीटर के माप को क्यूबिक कपैसिटी कहा जाता है।बाइक का इंजन दो या चार इंजन दहन कक्षों (combustion chambers) से बना होता है, जिसपर इसकी पावर निर्भर करती है। वर्तमान समय में इंजन चार स्ट्रोक दहन वाले होते हैं, इसलिए इंजन के CC जितने अधिक होंगे, उतनी ही अधिक पावर एक बार में जनरेट हो सकती है। आसान भाषा में कहें तो किसी गाड़ी में जितना ज्यादा CC होगा, बाइक की पावर उतनी ही ज्यादा होगी।
कैसे करता यह गाड़ी के परफॉर्मेंस को प्रभावित?
क्यूबिक कपैसिटी (CC) का किसी भी गाड़ी के परफॉर्मेंस से सीधा संबंध होता है। ऐसा इसलिए कहा गया है, क्योंकि यह बाइक के मकैनिकल परफॉर्मेंस की तरफ इशारा करता है। हॉर्सपावर, टॉर्क और ईंधन की खपत के मामले में इंजन कितनी पावर जनरेट करता है, यह जानने में CC एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।ज्यादातर कम्यूटर बाइक्स में 90 से 110cc के इंजन दिए जाते हैं, क्योंकि इन्हे सामान्य शहरी सड़कों पर चलने के लिए डिजाइन किया जाता है। वहीं, स्पोर्टी बाइक्स को ज्यादा पावर की जरूरत होती है। इसलिए, इसमें 350 से लेकर 650cc तक के इंजन को जोड़ा जाता है।