चिलचिलाती धूप में कार कहीं दे न जाए धोखा, बाहर निकलने से पहले चेक कर ले गाड़ी का कूलेंट
car care tips गर्मी के सीजन में कार का खास ख्याल रखना चाहिए वरना आपको बीच रास्ते में कई परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके लिए कार के इंजन का सही होना जरूरी है। (जागरण फाइल फोटो)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। गर्मी आते ही कार का इंजन अधिक गर्म होने लगता है, क्योंकि गर्मी में कार का तापमान अधिक होता है। इसका कारण है तेज धूप और बढ़ता तापमान। इसलिए आपको जानना ये जरूरी है कि आखिर गर्मी के मौसम में कार में कूलेंट किस तरह काम करता है और इसका ख्याल कैसे रखा जा सकता है।
कार के इंजन का तापमान
गर्मी के मौसम में आपकी कार के इंजन का तापमान बिना स्टार्ट किए भी अधिक रहता है। ऐसे में इंजन ऑयल की थिकनेस कम हो जाती है। जब भी आप कार स्टार्ट करते हैं तो आपकी कार का फैन और रेडिएटर तेजी से काम करता है। इसके साथ ही कूलेंट का सर्कुलेशन भी वाटर पंप के जरिए दो गुना से अधिक हो जाता है। चलिए जानते हैं ये कैसे काम करता है और इसे कैसे और कब चेक करना चहिए।
कूलेंट इंजन को ठंडा रखता है
कार में कूलेंट इंजन को ठंडा रखने के लिए होता है। इसका सर्कुलेशन वाटर पंप के बदौलत इंजन के आउटर चैंबर में होता है जिसके कारण गर्मी कम रहती है। वहीं गर्मी के दिनों में सर्कुलेशन तेजी से बढ़ती है।
जब ये पानी गर्म हो जाता है तो रेडिएटर से सर्कुलेट होता है इसके बाद ठंडा होकर वापस इंजन में जाता है। इस पूरे प्रोसेस का केवल एक ही काम होता है इंजन को ठंडा रखना।
गर्मी में कूलेंट को हर महीने चेक करना होता है
आपको बता दें, ये कूलेंट और डिस्टिल वाटर का एक मिस्चर होता है। लेकिन एयर टाइट होने के कारण ये भाप बन कर नहीं उड़ता है लेकिन कई बार उबल जाने के चलते कार में मौजूद कूलेंट जल्दी अपनी प्रॉपर्टी खत्म कर देता है। इसी के कारण गर्मी में कूलेंट को हर महीने चेक करना होता है। क्योंकि कूलेंट गर्म होकर बॉटल में चिपकने लगता है इसी के कारण इंजन में केवल पानी ही कुछ समय रह जाता है। जो इंजन और रेडिएटर में कूलेंट न होने के चलते रस्टिंग यानी जंग लगाता है।
कार ओवरहीट हो सकती है
जब भी कार में कूलेंट कम होता है या नहीं होता है तो कार ओवरहीट हो सकती है और इंजन सीज हो जाती है। जिसके कारण कार बंद हो जाएगी और आपको इसे सही करवाने के लिए लाखों का खर्च उठाना पड़ सकता है।