कार का इंजन हो गया है ओवरहीट? इन टिप्स से मिनटों में करें ठीक, बचा सकेंगे हजारों रुपये
कारों में बहुत बार इंजन ओवरहीटिंग की समस्या हो जाती है। इससे भारी नुकसान के साथ बहुत बार जान पर भी खतरा बन जाता है। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ ऐसे टिप्स लेकर आए हैं जिससे आप ओवरहीटिंग की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
By Sonali SinghEdited By: Updated: Fri, 19 Aug 2022 04:52 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। लगातार गाड़ी को लंबी दूरी तक चलाने से या गलत तरीके से ड्राइव करने से आपकी गाड़ी का इंजन गर्म हो सकता है, जिसे आमतौर पर ओवरहीटिंग की समस्या कहा जाता है। इसकी पहचान आप बोनट से निकलते धुएं से कर सकते हैं। यह एक गंभीर स्थिति है, जिसमें कार के इंजन के सीज होने से लेकर केबिन में आग लगने की घटना तक हो सकती है। इसलिए आज हम इस स्थिति से बचने के कुछ आसान से उपाये बताएंगे, जिससे आप सुरक्षित ड्राइविंग के साथ ही अपने हजारों रुपये भी बचा सकते हैं।
डैशबोर्ड की इस लाइट पर ध्यान दें
ओवरहीटिंग की समस्या से बचने का सबसे आसान तरीका है कि इसके लिए गाड़ी में दिए जाने वाले इमरजेंसी लाइट पर ध्यान दें। इसे फचनने के लिए हमारी गाड़ी के डैशबोर्ड पर बहुत सारे संकेतक लाइट दिए होते हैं। अगर कार के किसी भी जरूरी पार्ट में खराबी आती है तो ये लाइट्स जल उठते हैं। डैशबोर्ड पर लगा टेम्परेचर गेज इंजन ओवरहीट की जानकारी देता है। यह एक रेगुलेटर की तरह होता है जो इन्डिकेटर के माध्यम से इंजन के तापमान को दिखाता है। इसलिए इस लाइट को इसे बिल्कुल नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
ओवरहिट होने पर यह काम करें
अगर आपने इस लाइट पर ध्यान नहीं दिया और आपकी कार ओवरहिट हो चुकी है तो आपको तुरंत हीटर ऑन कर देना चाहिए। हीटर केबिन के तापमान को बढ़ाने के साथ-साथ इंजन के तापमान कम करने में भी मदद करता है। इसलिए इंजन के अधिक गर्म होने पर हीटर को तुरंत चालू कर दें। हीटर इंजन से गर्मी बाहर खींचता है, जिससे इंजन ठंडा हो जाता है और कूलिंग सिस्टम पर कम दबाव पड़ता है।यह काम करेगा ओवरहीटिंग की समस्या दूर
अगर आप चाहते हैं आपको इंजन ओवरहीटिंग की समस्या का सामना ही नहीं करना पड़े तो इसके लिए आप कूलेंट की मदद ले सकते हैं। इंजन को ठंडा करने के लिए इसमें कूलिंग सिस्टम को फिक्स किया जाता है।ओवरहीटिंग की समस्या से बचने के लिए कार में दिए गए कूलेंट को हमेशा चेक करें। कूलेंट एक तरल पदार्थ होता है जो इंजन के तापमान को कंट्रोल में रखने में मदद करता है। अगर इसका स्तर न्यूनतम निशान से नीचे है, तो आपके इंजन के गर्म होने का खतरा है। साथ ही कम कूलेंट स्तर इसके लीक होने का भी संकेत देते हैं।