Car Insurance Tips: वाहन का इंश्योरेंस कराने से पहले ध्यान रखें ये बातें, वरना हो सकता है नुकसान
Car Insurance Tips अगर आपने इंश्योरेंस करा लिया है और आप उसे सही से क्लेम करना नहीं जानते हैं तो उसका कोई फायदा नहीं है। कई बार जल्दबाजी में कार मालिक नियम व शर्तों को ध्यान से नहीं पढ़ते हैं और इसकी वजह से उन्हें परेशानी होती है। इसलिए इंश्योरेंस कराने से पहले टर्म एंड कंडीशन को पूरा पढ़ लेना चाहिए।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। कार का इंश्योरेंस कराना आज के समय में बहुत जरूरी हो गया है। ऐसे में अधिकतर कार मालिक ऐसे होते हैं, जिन्हें इंश्योरेंस के बारे में जानकारी नहीं होती है और वे कई बार इसके चक्कर में अपना नुकसान करवा बैठते हैं। हम यहां कुछ ऐसे प्वाइंट्स बताने वाले हैं जिन्हें कार इंश्योरेंस कराते वक्त ध्यान रखना चाहिए।
अपनी जरूरत को समझें
कार का इंश्योरेंस कराते वक्त आपको सबसे पहले अपनी जरूरतों को समझना बहुत जरूरी है। भारत में मुख्यतौर पर दो तरह के कार इंश्योरेंस किए जाते हैं जिनमें थर्ड पार्टी और कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस शामिल हैं।
थर्ड पार्टी- इस तरह के इंश्योरेंस में कंपनी सामने वाले के नुकसान की भरपाई करती है। आसान भाषा में समझें तो मान लीजिये आपके वाहन से कोई दूसरा वाहन टकराता है और उसमें नुकसान होता है तो उसमें होने वाले नुकसान की भरपाई इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा की जाएगी। बता दें यह 1988 वाहन अधिनियम के तहत अनिवार्य है।
कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस- इस तरह के इंश्योरेंस में बीमा कंपनी के द्वारा प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान में हरजाना दिया जाता है।
सही से क्लेम करना जरूरी
अगर आपने इंश्योरेंस करा लिया है और आप उसे सही से क्लेम करना नहीं जानते हैं तो उसका कोई फायदा नहीं है। कई बार जल्दबाजी में कार मालिक नियम व शर्तों को ध्यान से नहीं पढ़ते हैं, जिसकी वजह से उन्हें परेशानी होती है। इसलिए इंश्योरेंस कराने से पहले टर्म एंड कंडीशन को पूरा पढ़ लेना चाहिए।
नो क्लेम बोनस
बीमा कंपनियों के द्वारा प्रीमियम भुगतान पर नो क्लेम बोनस दिया जाता है। इसमें कई बार कंपनियां अतिरिक्त चार्ज भी जोड़ देती हैं और नहीं देने पर क्लेम किए गए इंश्योंस को फंसा भी सकती हैं। इसलिए आपको नो क्लेम बोनस के वक्त खास ध्यान रखना चाहिए।
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