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कार के साइड मिरर को लेकर आप भी करते हैं ये गलती तो तुरंत सुधारें, हर साल होती हैं हजारों दुर्घटनाएं

Car Mirror का सही इस्तेमाल बहुत से दुर्घटनाओं को रोक सकता है। पर बहुत से लोग इसको गलत एंगल ने सेट कर देते हैं जिससे ब्लाइंड स्पॉट बन जाता है और ड्राइवर को पीछे से आने वाली गाड़ियों के बारे में पता नहीं लग पाता है।

By Sonali SinghEdited By: Updated: Mon, 28 Nov 2022 10:56 AM (IST)
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How To Use Car Side Mirror Correctly, See Safety Driving Tips
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। कार या कोई भी गाड़ी चलाते समय दुर्घटना से बचना है तो सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। इसके लिए हम बहुत से नियमों का पालन भी करते हैं। पर क्या आपको पता है कि एक ऐसी भी गलती है, जिसे अक्सर लोग जाने-अनजाने में दोहराते हैं और इसका खामियाजा गंभीर दुर्घटना के रूप में भुगतना पड़ता है। हम बात कर रहे हैं कारों में दिए जाने वाले साइड मिरर की, जिसे चालक अक्सर गलत एंगल में मोड देते हैं या बंद कर देते हैं। ऐसा करना बहुत खतरनाक है और इससे दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है।

साइड मिरर का काम सिर्फ पीछे से आने वाली गाड़ियों को देखना में मदद करना ही नहीं है, बल्कि यह कई और तरह की सुरक्षा में भी मदद करता है। इसलिए आज हम आपको कार साइड मिरर सेट करने का सही तरीका और इसके इस्तेमाल के बारे में बताने जा रहे हैं।

साइड मिरर के फायदे

किसी भी गाड़ी में ड्राइवर सीट और फ्रंट सीट के बाहर छोटे शीशे दिए होते हैं, जिन्हे साइड मिरर कहा जाता है। यह बाकी शीशों की तुलना में थोड़े अलग से होते हैं, क्योंकि इसमें देखने पर दूर से आती गाड़ी भी पास नजर आती है। इन मिरर को इसलिए दिया जाता है, ताकि चालक को पीछे से आने वाली सभी गाड़ियों के बारे में जानकारी हो। साथ ही, यह ओवरटेक करते समय आपके आगे चल रही गाड़ी को आपकी पोजीशन बताने में भी मदद करते हैं। इसके अलावा, कार के केबिन में एक बैक मिरर भी दिया गया होता है। इन तीनों मिरर के इस्तेमाल से ड्राइवर को गाड़ियों के सही स्थिति का पता लग पाता है।

गलत एंगल में साइड मिरर होने के नुकसान

साइड मिरर का काम गाड़ियों की सही स्थिति के बारे में ड्राइवर को जानकारी देना है, लेकिन इनका सही एंगल में सेट होना भी बहुत जरूरी है। अगर यह सही तरीके से नहीं रखा गया तो पीछे आने वाली किसी भी गाड़ी के बारे में पता लगा पाना मुश्किल हो जाता है और इससे दुर्घटना के चांस बढ़ जाते हैं। किसी गाड़ी की ओवरटेकिंग के दौरान स्थिति और भी गंभीर हो सकता है।

वहीं, कई बार ड्राइवर इसे बंद कर देते हैं। इससे एक तरह का ब्लाइंट स्पॉट बन जाता है और ड्राइवर को कोई भी ऑब्जेक्ट दिखाई नहीं देता है। इसकी वजह से एक्सीडेंट हो जाते हैं। भारत में होने वाले ज्यादातर एक्सीडेंट्स की एक वजह यह भी है।

साइड मिरर सेट करने का सही तरीका

साइड मिरर को सेट करने के साथ बैक मिरर की जरूरत भी पड़ती है। सबसे पहले बैक मिरर को इस तरह से सेट करें कि कार के पीछे से आने वाली गाड़ी इसके बीच में दिखाई दें। इसके बाद दोनों साइड मिरर को इस तरह रखें कि पीछे की चीजें बिल्कुल साफ दिखाई दे रही हों। साथ ही एंगल को इस तरह से सेट करें कि जब कोई गाड़ी पीछे से ओवरटेक कर रही हो तो जब वह बैक मिरर में दिखना बंद हो जाए तो साइड मिरर में तुरंत दिखाई दे। यह इन मिरर को सेट करने का सबसे सही तरीका है और इससे बहुत-सी होने वाली घटनाओं को रोका जा सकता है।

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