गाड़ियों के इन तीन फीचर्स को लेकर कंपनियां खूब करती हैं प्रचार, असल में इस्तेमाल न के बराबर
गाड़ियों में कुछ ऐसे फीचर्स होते हैं जिनका असल में इस्तेमाल न के बराबर होता है। यह फीचर ज्यादातर गाड़ियों के टॉप मॉडल्स में देखा जाता है। यह फीचर केवल तब काम आता है जब आपका बहुत अधिक हाइवे पर आना-जाना होता है।
By Atul YadavEdited By: Updated: Wed, 25 May 2022 10:22 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। गाड़ी में कई फीचर्स ऐसे भी होते हैं, जिनका दैनिक जीवन में बहुत कम इस्तेमाल होता है, लेकिन वाहन निर्माण करने वाली कंपनियां इन फीचर्स के दम पर अपने गाड़ियों को और भी अच्छे दामों में बेचने की कोशिश करती हैं। यहां तक इन जैसे फीचर्स को लेकर खूब प्रचार-प्रसार भी करती हैं। तो आइये जानते हैं उन फीचर्स के बारे में..
ऑटोमैटिक वाइपर्स गैर जरूरी फीचर्स की लिस्ट में सबसे पहले जो नाम आता है वो है ऑटोमैटिक वाइपर्स का। आपको बता दें ऑटोमैटिक वाइपर्स का काम होता है कि गाड़ी के विंडशील्ड पर पानी पड़ते ही वाइपर्स बिना बटन दबाए अपने आप चलने लगते हैं। ऑटोमेटिक मशीनरी की वजह से ये जरा सा पानी पड़ने से ही चलने लगते हैं जिस वजह से इनके जल्दी घिसने की उम्मीद रहती है। जबकि मैनुअली वाइपर अपनी जरूरत के मुताबिक ऑन-ऑफ किया जा सकता है।
हिल असिस्ट या हिल होल्ड यह एक ऐसा फीचर है जिसका कंपनियां काफी प्रचार करती हैं और इसके नाम पर ग्राहकों से मोटी रकम वसूलती हैं। लेकिन यह फीचर भी तभी काम आता है जब आप पहाड़ों पर ट्रैवल कर रहे हों। इतना ही नहीं बिना हिल असिस्ट वाली गाड़ियां भी पहाड़ों पर अच्छी तरह से चल सकती हैं। बस ड्राइवर अच्छा होना चाहिये। तो यह फीचर भी आपको कारों में तभी लेना चाहिये जब बतौर स्टैंडर्ड दिया जा रहा हो। इसके लिए अधिक रकम खर्च करने की कोई आवश्यकता नहीं होती।
क्रूज़ कंट्रोल गाड़ियों में क्रूज कंट्रोल फीचर आना आम बातहो गया है, अब तो ये फीचर इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिलों में भी आने लगी है। क्रूज कंट्रोल को लेकर भी कंपनियां खुब प्रचार करती है। लेकिन इसका असल में इस्तेमाल न के बराबर होती है। यह फीचर ज्यादातर गाड़ियों के टॉप मॉडल्स में देखा जाता है और इसका प्रचार करके कंपनी अच्छे-खासे दाम वसूलती है, लेकिन आपको बता दें यह फीचर केवल तब काम आता है जब आपका बहुत अधिक हाइवे पर आना-जाना होता है।