Credit Score For Car Loan: इस दिवाली लोन लेकर खरीदना चाहते है कार? जान लें कितना क्रेडिट स्कोर होना है जरूरी
Credit Score for car loan इस त्योहारी सीजन लोन लेकर कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो आपको क्रेडिट स्कोर पर ध्यान देना चाहिए। यह स्कोर आपको लोन मिलेगा या नहीं इस बात को तय करता है। साथ ही ब्याज दर का निर्धारण भी इसी से होता है।
By Sonali SinghEdited By: Updated: Fri, 23 Sep 2022 02:41 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Credit Score For Car Loan: दिवाली जल्द आने वाला है और ऐसे में हम में से बहुत से लोग लोन (Loan) लेकर कार खरीदने की सोच रहे हैं। पर क्या आपको पता है कि लोन पर कार खरीदने के लिए सबसे जरूरी है क्रेडिट स्कोर (Credit Score) का अच्छा होना। आसान शब्दों में कहे तो आपका क्रेडिट स्कोर इस बात का संकेत है कि आप लोन को समय पर चुकाने की कितनी संभावना रखते हैं। आपका क्रेडिट स्कोर जितना अधिक होगा, आपकी ब्याज दर (Interest Rate) और शर्तें उसी के हिसाब से कम या ज्यादा होगी।
अब आपने यह तो समझ लिया कि किसी भी तरह के लोन को लेने के लिए लिए अच्छा क्रेटिड स्कोर होना बेहद जरूरी है, लेकिन फिर सवाल उठता है कि कार को खरीदने के लिए इसे कितना होना चाहिए और यह किस आधार पर तय किया जाता है। तो चलिए इसके बारे में जानते हैं।
कार खरीदने के लिए क्रेडिट स्कोर कितना होना चाहिए ?
वैसे तो ऑटो लोन का आवेदन करने के लिए कोई आधिकारिक न्यूनतम क्रेडिट स्कोर का होना जरूरी नहीं है, लेकिन औसतन स्कोर की बात करें तो 600 स्कोर या उससे ज्यादा अंकों को ऑटो लोन के लिए अच्छा माना गया है। हालांकि, इस बात को भी नहीं नकारा जा सकता है कि लोन मिलना या न मिलना इस बात पर भी निर्भर करता है कि लोन देने वाली कंपनी के न्यूनतम मानक क्या हैं। साथ ही आपकी आय, रोजगार इतिहास और ऋण-से-आय अनुपात (debt-to-income ratio) क्या है।
कैसे तय होता है क्रेडिट स्कोर?
कार लोन लेने के लिए दो तरह से क्रेडिट स्कोर को तय किया जाता है-FICO स्कोर और वेंटेज स्कोर। इनमें से FICO स्कोर का इस्तेमाल सबसे ज्यादा लोन देने वाले डीलरों द्वारा किया जाता है। यह स्कोर 300 से 850 के बीच होता है। स्कोर की गणना क्रेडिट मिक्स, भुगतान इतिहास, बकाया राशि, औसत क्रेडिट इतिहास और उपलब्ध क्रेडिट के आधार पर की जाती है।वहीं दूसरी तरफ, वेंटेज स्कोर पहले 501 से 990 अंकों के बीच में होता था, लेकिन अब इसे कम करके 300 से 850 के बीच कर दिया गया है। इसमें मेट्रिक्स की एक अलग रेंज होती है। इस मेट्रिक्स में लोन पेमेंट का इतिहास, डेप्थ ऑफ क्रेडिट, लोन में ली गई राशि का उपयोग, बैलेंस, हाल ही में क्रेडिट और उपलब्ध क्रेडिट जैसे कारक शामिल हैं।