Hybrid Car में मिलने वाले माइल्ड, प्लग-इन और स्ट्रॉन्ग तकनीक में आखिर क्या है अंतर? कैसे होती है आपकी बचत
Types Of Hybrid Car भारत में कई तरह की हाइब्रिड कारें बिक्री के लिए मौजूद हैं। इसमें माइल्ड फुल और प्लग-इन हाइब्रिड कारें हैं। आज हम इन्ही कारों के बीच होने वाले अंतर के बारे में बताने जा रहे हैं।
By Sonali SinghEdited By: Updated: Mon, 31 Oct 2022 02:54 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Mild, Plug-In and Strong Hybrid Car: अगर आप हाइब्रिड कारों के बारे में जानते हैं या इसे खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आपने माइल्ड, प्लग-इन और स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड तकनीक के बारे में जरूर सुना होगा। यह मुख्य रूप से इस तरह के कारों में इंजनों के प्रकार हैं। लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि इन सब में आखिर मुख्य अंतर क्या है। इसलिए आज हम आपको माइल्ड, प्लग-इन और स्ट्रॉग हाइब्रिड कारों के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही यह जानना भी दिलचस्प होगा कि कौन-सी तकनीक सबसे जरूरी है।
माइल्ड हाइब्रिड कार या MHEV
माइल्ड हाइब्रिड कारें किसी ईंधन वाली कारों की तरह ही हैं। बस इसमें तेल भरें और किसी अन्य नियमित वाहन की तरह चलाते रहें। इस तरह की कारें ईंधन बचाने के लिए तेज होने पर पेट्रोल या डीजल इंजन के साथ ही इलेक्ट्रिक मोटर का उपयोग करती हैं। इसकी सहायता से ICE इंजन पर दबाव कम पड़ता है, जिससे फ्यूल क्षमता में सुधार होता है।भारत में Ertiga, XL6, नई Brezza जैसे मॉडल्स माइल्ड हाइब्रिड कार के साथ आती है।
स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कार
फुल हाइब्रिड या स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कारों में दहन इंजन और एक इलेक्ट्रिक मोटर दोनों होते हैं, लेकिन ये स्वतंत्र रूप से काम करते हैं। इस तरह की कारों को जब आप कम स्पीड में चलाते हैं तो यह इलेक्ट्रिक मोटर से पावर लेती है, लेकिन जब इसकी स्पीड तेज होती है तो यह ऑटोमैटिक रूप से इंजन वाले मोटर में स्विच हो जाती है और ज्यादा स्पीड प्राप्त करती है। इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर के बीच फेरबदल गाड़ी में दिए सेट-अप द्वारा ही तय किया जाता है।
भारत में फुल हाइब्रिड कारों की लिस्ट में होंडा सिविक, टोयोटा कैमरी, टोयोटा हाईराइडर और मारुति ग्रैंड विटारा जैसे मॉडल्स हैं।