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खतरों से खाली नहीं है सनरूफ से बाहर निकलना, चांस लिया तो उठाने पड़ सकते हैं ये जोखिम

हम लगातार विकसित होते जा रहे हैं लेकिन हमारी ओर से लगातार कुछ गलतियां भी दोहराई जा रही हैं। इनमें से ही एक है सनरूफ से बाहर निकलकर यात्रा करना। क्षणिक खुशी के लिए उठाया गया ये कदम आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ( फाइल फोटो)।

By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Wed, 03 May 2023 10:48 AM (IST)
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Disadvantages of Sunroof in India Getting out of the sunroof is not free from dangers
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। आज के समय में लोग नई कार खरीदते समय दो चीजों का विशेष ध्यान रखते हैं। पहला प्वाइंट है कि कार कितनी सेफ है और दूसरा उसमें कितने प्रीमियम फीचर्स ऑफर किए गए हैं। मौजूदा समय में लोग कारों को उपयोगिता के साथ-साथ स्टेटस सिंबल के रूप में भी खरीदते हैं। इस समय कारों में सनरूफ सबसे पॉपुलर फीचर है।

फैमली कार खरीदते समय इस फीचर की डिमांड होती है। टेक्नोलॉजी के विकास के साथ हम भी विकसित होते जा रहे हैं लेकिन हमारी ओर से लगातार कुछ गलतियां भी दोहराई जा रही हैं। इनमें से ही एक है सनरूफ से बाहर निकलकर यात्रा करना। क्षणिक खुशी के लिए उठाया गया ये कदम आपके बच्चों के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है, इस लेख में हम यही बताने जा रहे हैं।

खतरों से खाली नहीं सनरूफ से निकलना

अगर आप भी अपने बच्चों को कार के सनरूफ से बाहर निकालते हैं तो सावधान हो जाइए। चलती कार में सनरूफ से बाहर निकलना लीगल नहीं है। अगर आप ऐसे करते पाए गए तो दंड के भी भागीदार हो सकते हैं। वहीं ऐसा करने से आपके बच्चों के साथ अनहोनी भी हो सकती है।

जब हम चलती कार की छत के ऊपर से झांकते हैं तो ऐसे में कई सारे खतरे रहते हैं। हो सकता है कि एकदम से कोई चीज या पक्षी आकर आपसे टकरा जाए। वहीं कई बार हवा में उड़ रहे कण आंख में गिर जाते हैं। कार चलते समय अगर आप सनरूफ से बाहर निकले हैं और कुछ दिक्कत होने पर ड्राइवर एकदम से ब्रेक अप्लाई करता तो ऐसे में आपको गंभीर चोट आ सकती है।

सनरूफ का काम क्या है

आप सोच रहे होंगे कि इससे बाहर निकल कर नजारे देख नहीं सकते तो सनरूफ को गाड़ियों में दिया ही क्यों जाता है। दरअसल इस फीचर को उन देशों में देना शुरु किया गया था जहां धूप बहुत कम आती है। वहां के लोग धूप का आनंद लेने के लिए इसका उपयोग करते हैं। भारत में इसे स्टेटस सिंबल के रूप में माना जाने लगा है और इसका गलत तरह से उपयोग भी हो रहा है। हमें खुद के विवेक से इन चीजों को सुधारने की जरूरत है।