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स्क्रैप सेंटर पर कैसे निर्धारित होते हैं पुरानी गाड़ियों के दाम, जानें एंट्री से लेकर पैसे मिलने तक का प्रॉसेस

आपको अपने पुराने वाहनों को स्क्रैपिंग के लिए पंजीकृत करने के लिए कुछ सरल चरणों का पालन करना होगा। एक विकल्प यह है कि आधिकारिक वेबसाइट https//vscrap.parivahan.gov.in पर जाएं और एक फॉर्म भरें। फिर निकटतम स्क्रैप सेंटर आवेदक से संपर्क करें और इस प्रक्रिया को शुरू कर दें। इतना सरल प्रॉसेस होने के बावजूद भी देश में स्क्रैपेज पॉलिसी को लेकर जागरुकता का अभाव है।

By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Mon, 26 Jun 2023 08:00 PM (IST)
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everything you need to know about vehicle scrappage centers
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। देश में लगातार प्रदूषण को लेकर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। 2015 में, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एक आदेश दिया था कि 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहन और 10 साल पहले खरीदे गए डीजल वाहनों देश के कई राज्यों में अपंजीकृत किया जाएगा। इसके चलते भारत के लगभग सभी राज्यों में पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए फैसिलिटी शुरू की गई हैं।

भारत में मारुति सुजुकी, टोयोटा और टाटा जैसी ऑटोमोबाइल कंपनियों ने Scrappage facilities शुरू कर दी हैं। अपने इस लेख में हम विस्तार से जानने वाले हैं कि पुराने वाहनों को स्क्रैप करने की प्रक्रिया क्या है और लगभग साल भर में देश के अंदर इसका कितना असर हुआ है।

कैसे करें आवेदन?

आपको अपने पुराने वाहनों को स्क्रैपिंग के लिए पंजीकृत करने के लिए कुछ सरल चरणों का पालन करना होगा। एक विकल्प यह है कि आधिकारिक वेबसाइट https://vscrap.parivahan.gov.in पर जाएं और एक फॉर्म भरें। फिर निकटतम स्क्रैप सेंटर आवेदक से संपर्क करें और इस प्रक्रिया को शुरू कर दें।

वहीं, दूसरा विकल्प है कि आप या तो टोलफ्री नंबर 1800-419-3530 पर कॉल कर सकतें है या फिर Scrappage facilities के व्हाट्सएप नंबर पर संदेश भेज सकते हैं। इसके बाद संबंधित स्क्रैपिंग सेंटर वाहन मालिक से संपर्क करेगा और इसकी कीमत बताएगा। यदि मालिक सहमत है, तो वाहन को स्क्रैपिंग के लिए पंजीकृत किया जाता है और वाहन स्क्रैप हो जाने पर मालिक को एक प्रमाणपत्र भी जारी किया जाता है।

कैसे होता है मूल्यांकन?

परिवहन आयुक्त एल वेंकटेश्वरलू के एक पत्र में कहा गया है कि ELV ( end-of-life vehicles) का आरक्षित मूल्य लौह या धातु स्क्रैप घटक के मूल्य के 90% को लोहे के मौजूदा बाजार मूल्य से गुणा करके निर्धारित किया जाता है। लौह स्क्रैप का प्रतिशत प्राप्त करने के लिए मानक सूत्र को कर्ब वजन के 65% पर लिया जा सकता है जिसमें सभी मानक उपकरण, तरल पदार्थ और ईंधन के साथ वाहन का कुल वजन शामिल है। अब तक स्क्रैप सेंटर यहां तक ​​कि अधिकृत वाले भी मैन्युअल रूप से ईएलवी के मूल्य की गणना करते थे, जो कई बार ग्राहकों को पसंद नहीं आता था।

स्क्रैपिंग का प्रॉसेस क्या है?

जब कोई वाहन स्क्रैप सेंटर में पहुंच जाता है, तो उसे वैज्ञानिक तरीके से नष्ट कर दिया जाता है। अलग-अलग चरणों की बात करें तो स्टेशन 1 पर टायर और सीएनजी किट हटा दिए जाते हैं। अगले चरण में बैटरियों और फ्रीऑन गैस किटों को नष्ट कर दिया जाता है। उसके बाद वाहन की सीटें, स्टीयरिंग, इंजन और रेडिएटर हटा दिए जाते हैं, जिससे धातु से बना एक खोखला ढांचा रह जाता है।

धातु को ब्लॉकों में बदलने के लिए बेल प्रेस मशीन का उपयोग किया जाता है, जिसे बाद में विभिन्न कंपनियों को आपूर्ति की जाती है। वहीं कार के अन्य घटकों को पुनर्नवीनीकरण किया जाता है और इन्हे निजी कंपनियों को बेच दिया जाता है।

क्यों है धीमी रफ्तार?

आप भी सोच रहे होंगे कि इतनी व्यवस्था होने के बावजूद भी देश में वाहनों को स्क्रैप किए जाने की संख्या में इतनी कमी क्यों है? देश में स्क्रैपेज पॉलिसी को लेकर जागरुकता का अभाव इसका सीधा और साधारण जवाब है। कई मामलों में वाहन के कागजो को लेकर भी पेच फंसता है।

कई बार लोगों के पास पुराने वाहनों की आरसी नहीं होती, जिसके कारण वे स्क्रैपिंग प्रक्रिया से बच जाते हैं। यदि किसी वाहन के लिए ऋण का भुगतान हो गया है, लेकिन यह परिवहन विभाग की वेबसाइट पर प्रदर्शित नहीं होता है, तो ऐसे स्थिति में भी कार के पंजीकरण को रद नहीं किया जा सकता है।