पैसे कटेंगे आपके, मौज करेगा कोई और; कार में लगा है FASTag तो जान लें ये जरूरी बातें
टोल को लेकर भारत सरकार ने नियम बनाया है। FASTag एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है जो रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है। अगर आप अपनी कार को सेल करने जा रहे हैं तो इसे बंद जरूर कर लें। (जागरण फाइल फोटो)
By Ayushi ChaturvediEdited By: Ayushi ChaturvediUpdated: Wed, 26 Apr 2023 08:48 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत सरकार ने टोल को लेकर कई नियम बनाए हैं। रोड पर कार चलाते समय टोल टैक्स देने के बारे में आप जानते तो होंगे ही। पहले आपको लंबे समय तक लाइन में लगना पड़ता था, लेकिन अब समय बदल गया है। समय के साथ कई बदलाव आया है। टेक्नोलॉजी के समय में अब चंद मिनटों में टोल कट जाता है। हम बात FASTag की कर रहे हैं।
FASTag एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है, जो रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है। ये टैग बैंकों और कुछ टेक कंपनियों द्वारा किया जाता है और ऑनलाइन माध्यम से इससे टोल लिया जाता है। इसके इस्तेमाल से आप लंबे समय बिना लाइन में लगे टोल चुका सकते हैं।
कार बेचने से पहले कर लें ये काम
राष्ट्रीय राजमार्गों के सभी टोल प्लाजा पर लगे रीडर्स कार की विंडस्क्रीन पर चिपकाए गए टैग को स्कैन करते हैं और लिंक किए गए अकाउंट के माध्यम से चार्ज कट जाता है। अगर आप अपनी कार को बेचने जा रहे हैं तो सावधान हो जाएं।
क्या आप अपनी कार को बेचना चाहते हैं, तो आपको बेचने से पहले एक जरूरी काम कर लेना चहिए। आपको सबसे पहले फास्टैग अकाउंट डीएक्टिवेट कर लेना चहिए। इसके कारण आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। अगर आप बिना फास्टैग को डीएक्टिवेट किए कार बेचने जा रहे हैं तो आपको इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
क्यों जरूरी है FASTag अकाउंट डीएक्टिवेट करना
हर एक FASTag पेमेंट अकाउंट से जुड़ा होता है, अगर आप कार बेचते हैं या व्हीकल का मालिकाना हक ट्रांसफर करते समय FASTag के अकाउंट को बंद नहीं करते तो जो आपकी कार लेकर जाएगा, वो आपके अकाउंट का इस्तेमाल करके टोल चार्ज का भुगतान करने के लिए कर सकता है।