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Battery swapping policy: इस पॉलिसी को लागू होते ही खत्म हो जाएगी EV की ये बड़ी समस्या, जानें फायदे

Battery swapping policy स्वैपिंग कारोबार के विकसित होने पर इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदार बिना बैटरी के स्कूटर खरीद सकेगा और बैटरी स्वैपिंग सेंटर पर जाकर मामूली कीमत देकर किराए पर बैटरी लेकर स्कूटर या अन्य इलेक्ट्रिक वाहन चला सकेगा।

By Atul YadavEdited By: Updated: Mon, 05 Sep 2022 09:01 AM (IST)
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बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी लागू होने के बाद मिलेंगे ये फायदे

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने से लोग हिचक रहे हैं, क्योंकि भारत में ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर की काफी कमी है। इस समस्या को देखते हुए भारत सरकार ईवी के लिए बैटरी स्वैपिंग पॉलीसी लागू करने वाली है, जिसके बाद से काफी हद तक ईवी मालिकों को फायदा होने वाला है। आइये समझते हैं क्या है बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी और इसको लागू होने के बाद आपको क्या लाभ मिलने वाले हैं।

बैटरी स्वैपिंग क्या है?

बैटरी स्वैपिंग एक विकल्प है, जिसमें चार्ज की गई बैटरी को डिस्चार्ज की गई बैटरी से ईवी मालिक एक्सचेंज कर सकते हैं। बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी के तहत ईवी यूजर को जगह-जगह बैटरी स्वैपिंग मशीन मिलेगी, जहां वह अपनी समाप्त बैटरी को निकाल कर चार्ज में लगा सकते हैं और वहीं एक चार्ज बैटरी को अपनी व्हीकल में लगा सकते हैं।

इस पॉलिसी के तहत बैटरी की अदला-बदली का उपयोग छोटे वाहनों, जैसे कि दो-पहिया और तिपहिया वाहनों में सबसे अधिक किया जाएगा। क्योंकि इन गाड़ियों में छोटी बैटरी होती है जो अन्य ऑटोमोटिव सेगमेंट की तुलना में स्वैप करना आसान होता है।

बैटरी स्वैपिंग के फायदे?

इस पॉलिसी को लागू होने के बाद यूजर्स को काफी फायदा होने वाला है, क्योंकि ईवी चार्जिंग आज के समय में सबसे बड़ी परेशानियों में से एक है। बैटरी स्वैपिंग प्रक्रिया से बैटरी खत्म होने की चिंता, चार्जिंग प्वाइंट को खोजना और नए बैटरी पैक खरीदने में लगने वाली लागत से बचाता है, जिससे इलेक्ट्रिक व्हीकल यूजर्स के जेब पर अधिक भार नहीं जाता है।

स्वैपिंग कारोबार के विकसित होने पर इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदार बिना बैटरी के स्कूटर खरीद सकेगा और बैटरी स्वैपिंग सेंटर पर जाकर मामूली कीमत देकर किराए पर बैटरी लेकर स्कूटर या अन्य इलेक्ट्रिक वाहन चला सकेगा।

इस नीति को लागू होने के बाद से जो सबसे बड़ा फायदा होगा वो है समय। क्योंकि बैटरी की अदला बदली में काफी समय लगता है, वहीं ईवी चारिंग में कई घंटे लग जाते हैं।