मोटरसाइकिल चलाते समय साथ रखें ये जरूरी डॉक्यूमेंट्स, नहीं तो भरना पड़ेगा हजारों का चालान
मोटरसाइकिल चलाते समय उचित दस्तावेज़ों का होना और हमेशा अपने पास रखना अनिवार्य है। इन दस्तावेज़ों को किसी भी आपात स्थिति के लिए अप टू डेट और तैयार रखना चाहिए। ये दस्तावेज इंश्योरेंस क्लेम करने और वाहन की परमिट बनवाने आदि में हमेशा काम आते हैं।
By Atul YadavEdited By: Updated: Sat, 26 Mar 2022 09:16 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। बाइक से यात्रा करने का यह मतलब नहीं होता कि बस बाइक उठाए और यात्रा के लिए निकले पड़ें, यात्रा के दौरान कुछ ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स अपने साथ रखना पड़ता है। आज इस लेख के माध्यम से उन्हीं डॉक्यूमेंट्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे बाइक चलाते समय अपने पास रखना अत्यंत जरूरी। ऐसा न करने वाले लोगों को यातायात नियम के तहत भारी चालान भरना पड़ सकता है। आइये जानता हैं उन डॉक्यूमेंट्स की लिस्ट के बारे में:
टू व्हीलर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट टू व्हीलर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट RC इस बात का सबूत होती है कि वाहन का क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) में पंजीकरण हुआ है। इसमें वाहन की श्रेणी, जिन सीमाओं में वाहन का प्रयोग किया जा सकता है, चेचिस और इंजन नम्बर, साथ ही प्रयोग किए जाने वाले ईंधन की जानकारी और उसकी क्षमता की जानकारी होती है। आरसी की कुछ समय बाद समय सीमा समाप्त हो जाती है, जिसके बाद इसको रिन्यू करवाना आवश्यक होता है। आरसी के बिना यात्रा करना अवैध माना जाता है।
ड्राइविंग लाइसेन्स ड्राइविंग लाइसेन्स (DL) से यह प्रमाणित होता है कि व्यक्ति को किस तरह के वाहनों - दो पहिया, तीन पहिया, चार पहिया, को चलाने की अनुमति है। ड्राइविंग टेस्ट पास करने के पश्चात ही ड्राइवर को डीएल दिया जाता है। यह वाहन चलाने का एक प्रमाण पत्र भी होता है। ड्राइविंग लाइसेन्स की समय सीमा समाप्त होने के पश्चात इसको रिन्यू करवाना अति आवश्यक होता है। यदि किसी को उचित डीएल के बिना गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसे इस जुर्म के लिए जुर्माना देना पड़ सकता है।
वाहन बीमा क़ानून के मुताबिक़, किसी भी गाड़ी का वाहन बीमा वाहन चलाने वाले के लिए सबसे ज़रूरी काग़ज़ों में से एक होता है। यह दस्तावेज बीमाकर्ता का नाम, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नम्बर, कवरेज प्रकार और बीमा की समयावधि जैसी जानकरियां रखता है। बीमा के प्रकारों में शामिल है : फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस, थर्ड पार्टी इंश्योरेंस, स्वतः बाइक डैमेज पॉलिसी जैसे अन्य प्रकार शामिल है।
प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र उत्सर्जन वातावरण में प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है, जिसकी जांच होना बेहद आवश्यक होता है। इस प्रमाण पत्र में बाइक के उत्सर्जन स्तर की जानकरियां होती है। इसके स्तर का सरकार द्वारा तय किए गए मानक के हिसाब से मिलान होना ज़रूरी होता है। उत्सर्जन नियंत्रण पॉलिसी को बार-बार संशोधित किया जाता है। यदि पीयूसी सर्टिफ़िकेट की समयावधि समाप्त हो जाती है तो वाहन स्वामी को इसे तत्काल रिन्यू करवा लेना चाहिए।
वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र यात्रा के दौरान दो पहिया वाहन का अनुकूल अवस्था में होना आवश्यक होता है। वाहन के फ़िट्नेस की जांच आरटीओ द्वारा की जाती है, अगर वे उत्सर्जन क्षमता में कोई गड़बड़ या समस्या पाते है तो वे प्रमाण पत्र नहीं जारी करते है। बिना फ़िटनेस प्रमाण पत्र के सड़क पर यात्रा करना वैध नहीं होता है।चालक का मेडिकल सर्टिफ़िकेट
50 वर्ष की निश्चित आयु के बाद ड्राइवर को पूछे जाने पर मेडिकल सर्टिफ़िकेट दिखाना होगा। मेडिकल सर्टिफ़िकेट में एक प्रमाणित डॉक्टर जिसने व्यक्ति को दोपहिया चलाने के लिए फिट होने का आकलन किया हो उसका हस्ताक्षर होना आवश्यक होता है।