Petrol की खपत कम करने के लिए आपने भी किया है यह काम तो हो जाएं सावधान, कहीं सीज न हो जाए इंजन
मोटरसाइकिलों या स्कूटरों में पेट्रोल की कम खपत के लिए अक्सर लोग फ्यूल ट्यूनिंग का सहारा लेते हैं। ऐसा करने से गाड़ी की माइलेज बढ़ जाती है और प्रति किलोमीटर बचत होती है। हालांकि ऐसा करने के कई नुकसान भी है।
By Sonali SinghEdited By: Updated: Tue, 22 Nov 2022 08:26 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। पेट्रोल की बढ़ती कीमतों की वजह से बहुत से लोग अपनी बाइक में फ्यूल ट्यूनिंग करवाते हैं। ऐसा करने से फ्यूल टैंक से इंजन तक कम मात्र में पेट्रोल पहुंचता है, जिससे ईंधन की खपत कम होती है। इससे ईंधन की बचत तो होती ही है, साथ ही बाइक या स्कूटर की माइलेज भी बढ़ जाती है। लोगों को लगता है कि ऐसा करके प्रति किलोमीटर बहुत से रुपये बचाए जा सकते हैं।
लेकिन क्या आपको पता है, ईंधन को बचाने की तरकीब से आपकी गाड़ी को बहुत नुकसान पहुंचता है। इससे ड्राइव करने में तो परेशानी आती ही है, साथ ही इंजन पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। तो चलिए जानते हैं कि फ्यूल ट्यूनिंग करवाने के क्या नुकसान हैं।
स्टार्ट करने में परेशानी
फ्यूल ट्यूनिंग की वजह से कार्बोरेटर को ट्यून किया जाता है, जिससे इंजन तक उतनी मात्रा में ही ईंधन को पहुंचाया जाता है, जितने में इसे ठीक-ठाक कंडीशन में चलाया जा सके। इससे सबसे पहली परेशानी इसे स्टार्ट करने में होती है। खासकर ठंड के मौसम में रातभर गैराज में खड़ी बाइक को स्टार्ट करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।