Move to Jagran APP

ध्यान दें! 6 साल तक की जेल और 10,000 रुपये के जुर्माने से बचना है तो गाड़ी चलाते समय हमेशा रखें यह डॉक्यूमेंट

Pollution Under Control Certificate (PUC) गाड़ियों से एक मानक मात्रा में धुआं निकलने के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट दिया जाता है। यह गाड़ी चलते समय साथ रखना बेहद जरूरी है। इसके नहीं रहने पर आपको जुर्माने के साथ ही जेल भी जाना पड़ सकता है।

By Sonali SinghEdited By: Updated: Fri, 23 Sep 2022 12:21 PM (IST)
Hero Image
Pollution Under Control Certificate (PUC) से जुड़े नियम और जुर्माने
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। हम सभी यह जानते हैं कि गाड़ी चलाते समय ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और गाड़ी का इंश्योरेंस पेपर रखना बहुत जरूरी है। इनके न होने पर आपको भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। पर शायद आपको नहीं पता होगा कि पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUC) भी उन्ही जरूरी गाड़ी के कागजात में से एक है, जिसके नहीं रहने पर आपको 6 महीने तक जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। तो चलिए इससे जुड़े नियमों के बारे में जानते हैं।

क्या है PUC नियम?

गाड़ियों से एक निश्चित मात्रा में प्रदूषण निकलना जरूरी है। इसलिए इनके लिए एक स्टैंडर्ड रेंज तय की गई है। गाड़ियों से निकलने वाले धुएं अगर इस रेंज में आते हैं तो इन्हे पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट दी जाती है। जारी सर्टिफिकेट 3 महीने के लिए मान्य होता है और इसके बाद फिर से गाड़ी की जांच करा कर इसे रिन्यू किया जा सकता है।

बता दें कि पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट के सारे नियम मोटर वाहन अधिनियम, 1993 की धारा 190 के तहत आते है। सभी वाहनों के लिए रजिस्ट्रेशन की तारीख से एक साल के बाद एक वैध PUC होना जरूरी है।

PUC के लिए कितना है जुर्माना?

मोटर वाहन अधिनियम, 1993 की धारा 190 (2) के तहत गाड़ी चलाते समय अगर आपके पास नहीं है या यह एक्सपायर हो चुका है तो आपको छह महीने तक की जेल या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इसके अलावा, दोषी ड्राइवरों को तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रखने से अयोग्य घोषित भी कर दिया जाएगा। केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अनुसार, वैसे मोटर वाहन जो बीएस-I/बीएस-II/बीएस-III/बीएस-IV मानकों के अंदर आते है या सीएनजी/एलपीजी पर चलने वाले सभी वाहनों को हलते समय यह सर्टिफिकेट होना जरूरी है।

कहां से बनवा सकते हैं PUC?

पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट को आप हर राज्य के पेट्रोल पंपों पर मौजूद पॉल्यूशन चेक सेंटर (प्रदूषण जांच केंद्र) से ले सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी गाड़ी को पॉल्यूशन चेक सेंटर पर जांच कराने के लिए ले जाना पड़ता है। जहां कंप्यूटर से जुड़ा एक गैस ऐनालाइजर गाड़ी से निकलने वाले पॉल्यूशन की जांच करता है और गाड़ी के लाइसेंस प्लेट की फोटो लेता हैऔर आपकी गाड़ी का पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है।

ये भी पढ़ें-

अपनी पुरानी कार को स्क्रैप करने से पहले, जान लें क्या है RTO द्वारा जारी किए गए नियम

अगर आप भी अपने बच्चों को स्कूटर या बाइक पर ले जाते हैं, तो कट सकता है चालान! जानें क्या हैं इससे जुड़े नियम