Solar Car : पर्यावरण के लिए तो अच्छी है, लेकिन आपके लिए कितनी फायदेमंद साबित होगी सोलर कार
Solar Car आने वाले दिनों में सड़कों में सोलर कारों को देखा जा सकता है। पर्यावरण को गाड़ियों से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए यह कारें बहुत मददगार साबित होंगी लेकिन इनको खरीदने के कुछ नुकसान भी हैं। (फाइल फोटो)
By Sonali SinghEdited By: Sonali SinghUpdated: Tue, 24 Jan 2023 07:45 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। आज से कुछ समय पहले तक सोलर कार यानी कि सौर ऊर्जा से चलने वाली कारों के बारे में केवल कल्पना ही की जाती थी, लेकिन कुछ स्टार्ट-अप ने इसके कॉन्सेप्ट मॉडल को पेश किया है। इससे कयास लग रहे हैं कि आने वाले दिनों में ICE इंजन के विकल्प के रूप में इलेक्ट्रिक वाहनों, हाइड्रोजन कारों के अलावा सोलर कारों को भी देखा जा सकता है।
पिछले एक दशक में, सौर ऊर्जा अपनी पर्यावरण अनुकूल प्रकृति के कारण लोकप्रिय हो रही है और इसे चलने वाली कारों से भी पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होने वाला है। पर क्या ये यूजर-फ्रेंडली हैं? आइए, विस्तार से सोलर कारों के बारे में जानते हैं।
क्या होती हैं सोलर कारें
सोलर कारें सूरज की रौशनी से चलने वाली कारें होती हैं, जिसमें इंजन को चलाने के लिए जरूरी बिजली सौर ऊर्जा से आती है। कार में दिए गए सौर पैनलों में लगा फोटोवोल्टिक सेल सूर्य की ऊर्जा को बिजली में बदलता है और यह इंजन को स्टार्ट करने में मदद करता है। मुख्य रूप से एक सोलर कार में सोलर पैनल, बैटरी, इलेक्ट्रिक मोटर और हैंडलिंग सिस्टम होता है।
सौर ऊर्जा से चलने वाली गाड़ियां
कई कंपनियां सौर ऊर्जा से चलने वाली गाड़ियों के प्रोटोटाइप पर काम कर रही है। वहीं, कुछ प्रोडक्शन लाइनअप तक पहुंच गई हैं। प्रोडक्शन में जाने वाली दुनिया की पहली सोलर कार का नाम लाइटइयर जीरो (LightYear 0) है। इसे नीदरलैंड की एक कंपनी ने बनाया है और दावा किया जाता है कि सिंगल चार्ज पर इस कार को लगभग 700 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है।वहीं, भारत में पुणे स्थित स्टार्टअप वायवे मोबिलिटी ने ऑटो एक्सपो 2023 में भारत की पहली सोलर कार को पेश किया है। हालांकि, यह एक कॉन्सेप्ट कार है, जिसमें 2 सीटर विकल्प मिलता है। इसे सिंगल चार्ज पर 250 किमी की दूरी तक चलाया जा सकता है।
सोलर कार के फायदे
- सोलर कारों के फायदों के बारे में बात करें तो इसकी एक लंबी लिस्ट देखने को मिलती है।
- पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर आधारित कारों से कार्बन गैस नहीं निकलती, जिससे वायु प्रदूषण में भारी कमी आ सकती है।
- सोलर वाहनों को पेट्रोल, डीजल या गैस की जरूरत नहीं होती है और इससे गैर-नवीकरणीय स्रोतों की खपत को कम की जा सकती है।
- ICE इंजन वाले वाहनों की तुलना में सौर इलेक्ट्रिक वाहन ध्वनि प्रदूषण को कम करते हैं।
- आईसी इंजनों की तुलना में सौर इलेक्ट्रिक वाहनों को कम रखरखाव की जरूरत होती है।
सोलर कार के कुछ नुकसान भी
- ऐसा नहीं है कि सोलर कारों के केवल लाभ ही हैं। इनके आने के बाद कुछ नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है।
- सौर पैनल अभी तक अपने अधिकतम उपयोग तक नहीं पहुंचे हैं। इस कारण ICE वाहनों की तुलना में सौर वाहन भी कम क्षमता वाले हो सकते हैं।
- सोलर गाड़ियां मौसम पर निर्भर हैं। इस तरह हमेशा धूप के मौसम वाले क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से काम करेगा, लेकिन बारिश के मौसम में में इसे चला पाना मुश्किल है।
- सौर वाहन बैटरी को रिचार्ज करने में घंटों का समय लेते हैं। इसलिए जरूरत के समय इन पर ज्यादा भरोसा नहीं किया जा सकता है।
- आईसी इंजन की तुलना में इनकी स्पीड भी बहुत कम होती है।