बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के चला सकते हैं ये इलेक्ट्रिक स्कूटर्स, पुलिस भी कर देगी अनदेखा!
वैसे तो भारत में बिना रजिस्ट्रेशन के गाड़ियों को चलाना एक दंडनीय अपराध हैं। हालांकि मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार कुछ दोपहिया वाहने ऐसे भी होंते हैं जिसको चलना के लिए न तो हेल्मेट की जरूरत पड़ती है और न ही ड्राइविंग लाइसेंस
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत में मोटर व्हीकल एक्ट के इतने कानून होते हैं कि लोग अक्सर कन्फ्यूज रहते हैं। भारत में वैसे तो बिना डीएल और बिना रजिट्रेशन के गाड़ी चलाना अपराध है। लेकिन कुछ गाड़ियां ऐसी भी हैं, जो मोटर व्हीकल एक्ट के तहत नहीं आती हैं। इन श्रेणी की गाड़ियों को विशेष छूट मिलती है। आइये उन गाड़ियों के बारे में जानते हैं साथ ही साथ इस नियम को भी आसान भाषा में समझते हैं।
जानें क्या है नियम
इस समय इंडियन मार्केट में कई इलेक्ट्रिक स्कूटर मौजूद हैं, जिन्हें आप बिना रजिस्ट्रेशन और बिना ड्राइविंग लाइसेंस के चला सकते हैं। नियम के अनुसार अगर आपके स्कूटर की टॉप स्पीड 25 किमी से अधिक नहीं है और आपकी स्कूटर मैक्सिमम 250 वॉट की पॉवर जेनरेट करती है तो आपको इसे चलाने के लिए कोई भी लाइसेंस की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
इन स्कूटर्स को बेफ्रिक्री से चला सकते हैं
हीरो इलेक्ट्रिक फ्लैश एलएक्स
स्कूटर को पूरी तरह चार्ज होने में चार से पांच घंटे का समय लगता है और इसकी अनुमानित रेंज 85kmph है।
एम्पीयर रियो प्लस
सिंगल चार्ज पर यह 65 किमी तक की रेंज देती है। रियो प्लस का चार्जिंग समय छह घंटे तक है।
ओकिनावा R30
बैटरी पैक 60 किमी की रेंज देने में सक्षम है। घरेलू सॉकेट का उपयोग करके 4-5 घंटे में पूरी तरह से चार्ज किया जा सकता है।
16-18 साल के बच्चे भी चला सकते हैं ये स्कूटर
भारत के 2030 तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिक देश बनने के लक्ष्य के तहत 16-18 साल के बच्चे ई-स्कूटर चला सकते हैं। पहली बार मोटरसाइकिल चलाने वालों और ऑटोमोटिव के बीच इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से। इलेक्ट्रिक मोटर वाहनों के लिए ग्रीन लाइसेंस प्लेट की शुरुआत के बाद 16 साल के बच्चों को ई-स्कूटर चलाने की अनुमति देने के लिए एक पहल की गई है।