Traffic Sign Boards: भारत में तीन तरह के होते हैं ट्रैफिक साइन बोर्ड, जानें किससे मिलता है क्या संकेत
Decoding Traffic sign boards गाड़ी चलाते या फिर पैदल चलते समय आपने कई ट्रैफिक साइन बोर्ड देखें होंगे लेकिन क्या आप उनका मतलब जानते हैं। इन ट्रैफिक साइन बोर्ड का पालन गाड़ी चलाने वाले सभी को करना पड़ता है जो नहीं करता है उसके हाथों में ट्रैफिक पुलिस जुर्माना थमा देती है। हम यहां पर आपको इन ट्रैफिक साइन बोर्ड्स के बारे में बता रहे हैं।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। भारत में बढ़ती लगातार सड़क हादसों के पीछे का एक कारण रोड पर अधिक वाहनों का होना है। इसके साथ ही हमारे देश में ज्यादा ट्रैफिक नियमों के बारे में जानकारी सही से नहीं होना भी है। बहुत से लोगों को यह भी पता नहीं होता कि भारत की सड़कों पर लगे साइन बोर्ड का मतलब क्या होता है। यहां पर हम आपको ट्रैफिक संकेतों के नाम और उनसे मिलने वाले मैसेज की पूरी जानकारी के बारे में बता रहे है।
पिछले कुछ वर्षों में सड़कों की संख्या और गुणवत्ता में काफी सुधार देखने के लिए मिले हैं। इसके बावजूद सड़कों पर हादसों की संख्या में बढ़ोतरी देखन के लिए मिली है। जिससे लोगों की जान और संपत्ति दोनों की हानि होती है। जो लोगों के जीवन के साथ-साथ राष्ट्र के समग्र विकास में भी बाधा डालती है।भारत में ट्रैफिक सिग्नलों को मोटे तौर पर तीन भागों में बांटा गया है। जिसमें से पहली कैटेगरी अनिवार्य, दूसरी सावधान और तीसरी सूचनात्मक है।
पहली कैटेगरी
पहली कैटेगरी में आने वाले ट्रैफिक साइन बोर्ड्स अनिवार्य निर्देश या बैन को कम्यूनिकेट करने के लिए होते हैं। ये साइन बोर्ड आमतौर पर व्हाइट बैकग्राउंड और रेड बॉर्डर के साथ राउंड शेप में होते हैं। अगर आप इन संकेतों का पालन नहीं करते हैं, तो आपको संबंधित अधिकारियों के द्वारा दंडित किया जा सकता है। इसमें वन वे, नो एंट्री, स्पीड लिमिट जैसे संकेत शामिल होते हैं।
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