टू-व्हील ड्राइव या फोर-व्हील ड्राइव, जानें कौन सी कार रहेगी आपके लिए बेस्ट
ज्यादातर लोग समझ नहीं पाते हैं कि उनके लिए कौन सा ऑप्शन बेहतर रहेगा। ऐसे में आप भी अगर कोई एसयूवी खरीदने जा रहे हैं और इन दोनों व्हील ड्राइव ऑप्शन्स के बीच कन्फ्यूज हो रहे हैं तो आज हम आपको इन दोनों के बारे में बताने जा रहे हैं।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। जब भी आप एसयूवी या किसी अन्य सेगमेंट की कार खरीदने जाते हैं तो आपको टू-व्हील ड्राइव और फोर-व्हील ड्राइव वेरिएंट का ऑप्शन मिलता है। हालांकि ज्यादातर लोग समझ नहीं पाते हैं कि उनके लिए कौन सा ऑप्शन बेहतर रहेगा। ऐसे में आप भी अगर कोई एसयूवी खरीदने जा रहे हैं और इन दोनों व्हील ड्राइव ऑप्शन्स के बीच कन्फ्यूज हो रहे हैं तो आज हम आपको इन दोनों ही वेरिएंट के बारे में बताने जा रहे हैं।
टू-व्हील ड्राइव
टू-व्हील ड्राइव कारों में इंजन से रियर या फिर फ्रंट टायर्स को ही पावर मिलती है। मतलब ये हुआ कि या तो आगे के टायर्स पावर जेनरेट करते हैं या फिर पीछे के टायर्स पावर जेनरेट करते हैं। आपको बता दें कि टू-व्हील ड्राइव सिस्टम हाइवे और रोड्स के लिए बेहतर माना जाता है क्योंकि कार को सिर्फ समतल जगहों पर ही चलना होता है। हालांकि कभी आप खराब सड़कों पर कार को चलाते हैं तो आपको इस सिस्टम से काफी दिक्कत हो सकती है। ऐसे में आप अगर प्लेन रोड पर ड्राइव करते हैं तो आपके लिए टू-व्हील ड्राइव कार बेस्ट रहेगी। ये सिस्टम ज्यादातर हैचबैक या फिर सेडान कारों में मिलता है। हल्की एंट्री लेवल कारों में ये सिस्टम आम है।
फोर-व्हील ड्राइव
फोर-व्हील ड्राइव सिस्टम ज्यादातर एसयूवीज में ऑफर किया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एस्यूवीज को ऑफ रोडिंग के लिए तैयार किया जाता है ऐसे में अगर इसमें टू-व्हील ड्राइव सिस्टम होगा तो ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर गाड़ी फंस सकती है और इसे बाहर निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। दरअसल फोर-व्हील ड्राइव सिस्टम में आपकी कार के चारों टायर्स एक सामान पावर जेनरेट करते हैं जिससे कार कहीं पर फंसती नहीं है। ऑफ रोडिंग के शौकीनों के लिए ये सिस्टम बेस्ट होता है और किसी भी तरह के रास्तों पर रफ़्तार भरने में मदद करता है। फोर-व्हील ड्राइव कारें थोड़ी महंगी होती हैं।