टायरों पर बने अलग-अलग पैटर्न का क्या होता है मतलब, वाहनों के लिए कितने होते हैं जरूरी
Tire Designs Significance ट्रैक्टर कार बाइक साइकिल लगे हुए टायरों के पैटर्न अलग-अलग देखा होगा। इन पैटर्न का अपना-अपना काम होता है। इनके होने के वजह से वाहन कीचड़ रेतीली और पानी से भरी सड़क को आसानी से पार कर लेती है। इतना ही नहीं यह वाहन को सड़क पर स्कूथली चलने में मदद करती है। आइए जानते हैं कि टायरों पर बने हुए पैटर्न का मतलब क्या होता है।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। आपने ट्रैक्टर, कार, बाइक, साइकिल में लगे हुए टायरों को देखा होगा। इन टायरों के ऊपर बने हुए अलग-अलग डिजाइन भी देखे होंगे। इन डिजाइनों को ट्रेडमार्क कहा जाता है। यह किसी भी वाहन को सही से चलाने में अहम भूमिका निभाती है। इन ट्रेड की वजह से वाहन कीचड़, रेतिली और ऑफ रोड जैसी जगहों पर आसानी से चल पाती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि यह पैटर्न होते क्या हैं और उन्हें अलग-अलग क्यों बनाया जाता है।
क्या है टायर ट्रेड?
टायर ट्रेड टायर पर लगे हुए ट्रैड होते हैं, जो सड़क की सतह के साथ संपर्क बनाए रखते हैं। टायर का संपर्क क्षेत्र जितना बड़ा होगा, टायर की पकड़ उतनी ही अधिक होती है। वहीं, आपने देखा होगा कि रेसिंग गाड़ियों की टायरों में किसी तरह का कोई ट्रेडमार्क नहीं होता है, जो पूरे सतह क्षेत्र को जमीन के संपर्क में रहने देता है। जिसकी वजह से उनकों सड़क पर ज्यादा पकड़ बनी रहती है। इन्हें स्लिक टायर कहा जाता है, लेकिन यह टायर आम सड़कों पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह गीली सतहों पर नहीं चल सकती है।
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