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एडास (ADAS)

ADAS एक ऐसा फीचर है जो सेफ्टी के मामले में काफी दमदार है। एडीएएस या एडवांस ड्राइवर असिस्टेंट सिस्टम एक ऐसा सिस्टम है जो कार को अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाता है। आज हम आपको इसके बारे में पुरी जानकारी देने जा रहे हैं। (जागरण फोटो)

By Ayushi ChaturvediEdited By: Ayushi ChaturvediUpdated: Wed, 01 Mar 2023 08:00 PM (IST)
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क्या है ADAS और इसका काम ? भारत के सड़क पर कितना सफल

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत में ADAS फीचर से लैस कई गाड़ियां लॉन्च हुई है। आईसीई इंजन हो या फिर इलेक्ट्रिक व्हीकल, मैन्यूफैक्चरर्स सेफ्टी के लिहाज से ADAS फीचर देने लगे हैं। हालांकि भारत में एडवांस सेफ्टी फीचर्स से लैस अधिकतर गाड़ियों में लेवल 1 ADAS  सिस्टम देखने को मिलता है। लेकिन इसको लेकर लोगों के मन में कई सवाल भी है। आज हम आपके लिए इन सब सवालों का जवाब लेकर आए हैं। चलिए जानते हैं, ये फीचर कैसे काम करता है और इसकी खासियत क्या है।  

क्या होता है ADAS

ADAS या एडवांस ड्राइवर असिस्टेंट सिस्टम एक ऐसा सिस्टम है, जो कार को अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाता है। ये कार में सबसे महत्वपूर्ण फीचर में से एक है। ये फीचर कार के आस-पास का माहौल पता करके काम करता है। एडीएएस ड्राइवर को डिस्प्ले पर साउंड, वाइब्रेशन और सिग्नल के माध्यम से हिंट देकर दुर्घटना से बचने में मदद करता है।

ADAS के लेवल

आपको बता दें ADAS टेक्नॉलॉजी को पांच लेवल्स में बाटा गया है। चलिए आपको अब इसके प्रकार के बारे में बताते हैं।  

Level 0 — no automation

इसमें किसी भी प्रकार का ADAS फीचर नहीं होता है और ड्राइविंग के सभी पहलुओं की जिम्मेदारी ड्राइवर की  होती है।

Level 1 — driver assistance

इसके अंतर्गत कार में ड्राइवर के लिए लेन डिपार्चर वॉर्निंग और अडैप्टिव क्रूज़ कंट्रोल जैसे ADAS फीचर्स होते हैं। इसके बावजूद ड्राइविंग करते समय ड्राइवर को अधिक ध्यान रखना पड़ता है।

Partial Automation

इसमें दो या दो से अधिक स्टीयरिंग या एक्सीलरेशन जैसे ADAS फीचर्स होते हैं, जिसके कारण ड्राइवर को ड्राइव करने में अधिक मदद मिलती है। लेकिन कार को चलाते समय आपको अधिक सर्तक रहने की जरूरत होती है।

Conditional Automation

परिस्थिति के अनुसार ADAS फीचर काम करता है। आपको एक उदाहरण के तौर पर समझाएं तो ये सिस्टम स्टार्ट रहने पर ड्राइवर स्टीयरिंग व्हील से अपना हाथ भी हटा सकता है। लेकिन इसके बावजूद भी ड्राइवर को सावधान रहने की जरूरत है।

High Automation

इस लेवल पर आपकी कार खुद ही चलती है, लेकिन आपको कई विशेष मौके पर ही कार चलाते समय ध्यान देना होगा। तभी इसकी जरूरत होगी।

Full Automation

ADAS के पांचवें लेवल पर गाड़ी अधिकतर परिस्थिति में कार ड्राइवर के बिना खुद ही चलने में सक्षम होती है।

ADAS में कितने प्रकार के फीचर्स होते हैं ?

एड्वांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम में कई तरह के फ़ीचर्स आते हैं, जो मॉडल और सेफ्टी के स्तर पर अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन आपको सामान्य रूप में दिए जाने वाले ADAS फीचर के बारे में बताते हैं। ये फीचर्स कुछ इस प्रकार है।

Lane Departure Warning (LDW) लेन डिपार्चर वॉर्निंग- ये फीचर कार के लेन से हटने के समय ड्राइवर को अलर्ट करता है।

Blind Spot Monitoring (BSM) ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग यह फीचर दूसरी गाड़ियों को देखते हुए ड्राइवर को आगाह करता है, कि इस समय आप सही लेन में कार चला रहे हैं कि नहीं और लेन बदलना ठीक है कि नहीं।

Adaptive Cruise Control (ACC): अडैप्टिव क्रूज़ कंट्रोल- इस फीचर के मदद से आगे चल रही गाड़ी की स्पीड और दूरी के आधार पर आपके गाड़ी की स्पीड को कंट्रोल करता है।

Forward Collision Warning (FCW): फ़ॉरवर्ड कोलिज़न वॉर्निंग- ये फीचर काफी काम का है इस फीचर के कारण आगे चल रही गाड़ी से आपकी कार टकराती नहीं है। यह टक्कर से बचाता है। यह ड्राइवर को ब्रेक लगाने के लिए आगाह करता है।

Automatic Emergency Braking (AEB) ऑटोमेटिक इमरजेंसी ब्रेक, सेंसर की मदद से गाड़ी टकराने की स्थिति में यह फ़ीचर ऑटोमेटिक आपातकालीन ब्रेक लगाने में सक्षम होता है।

Traffic Sign Recognition ट्रैफिक साइन रिकग्निशन- ये  फीचर आपको कैमरा से स्पीड लिमिट जैसे ट्रैफिक साइन को पहचान कर उसकी जानकारी देता है।

High Beam Assist: हाई बीम असिस्ट- हाईवे और रात के समय यह फीचर काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। कैमरा और सेंसर की मदद से कार आगे ज्यादा ट्रैफिक के चलते ऑटोमेटिक लो-बीम पर चली जाती है, जिससे कि ट्रैफिक को आसानी से देखा जा सकता है और फिर परिस्थिति के अनुसार कार दोबारा हाई बीम पर लौट आती है।

Rear Cross Traffic Alert:  रियर क्रॉस ट्रैफिक अलर्ट- ये फीचर ड्राइवर को पार्किंग के समय काम आता है।सेंसर्स और कैमरा की मदद से कार के पीछे के बारे में संकेत देता है।

Driver Drowsiness Detection: ड्राइवर ड्राउज़ीनेस डिटेक्शन- कई बार चलाते समय हमें नींद आने लगती है, जिसके बाद ये फीचर काम में आता है। ये फीचर ड्राइवर को नींद आने पर चेतावनी देता है।

भारत में एडीएएस फीचर्स से लैस गाड़ियां

भारतीय बाजार में दिन पर दिन एक से बढ़कर एक गाड़ियां आ रही है। वहीं लोग भी अब सेफ्टी को लेकर अधिक सचेत हो गए हैं, कार लेने से पहले सेफ्टी में सेफ्टी पर अधिक ध्यान देते हैं। भारत में एडीएएस फीचर्स से लैस एमजी एस्टर, एमजी हेक्टर व हेक्टर प्लस, महिंद्रा XUV700, हुंडई ट्यूसॉन, टाटा हैरियर व सफ़ारी, टोयोटा इनोवा हायक्रॉस, होंडा सिटी ई: एचईवी और दूसरे प्रीमियम सेगमेंट की कारें सेफ्टी फीचर्स के साथ आती हैं।

भारत की सड़क पर कितना सफल ADAS फीचर

अभी दूसरे देशों की तरह भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर इतना एडवांस नहीं है, लेकिन दिन पर दिन सरकार भी इसको लेकर काफी काम कर रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। भारत की आबादी काफी घनी है, यहां पर दो-पहिया, तीन-पहिया, बड़े वाहन दौड़ते नज़र आते हैं, जिससे की ट्रैफ़िक जैसी समस्या दिन पर दिन काफी तेजी से बढ़ रही है।

लेकिन इन सबके बावजूद एडास की मदद से आमने-सामने की टक्कर को रोका जा सकता है। आपातकालीन ब्रेक जैसे एडीएएस टेक्नोलॉजी की मदद से भारत में सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है। इसके लिए सरकार तेजी से काम कर रही है। वहीं भविष्य में इसे और भी मजबूत किया जाएगा। इसको देखते हुए भारत में आने वाले सालों में ये फीचर काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।