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क्या है गाड़ियों में आने वाला ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल फीचर, फायदे जानकर होंगे हैरान

Automatic Climate Control हम यहां पर आपको गाड़ियों में आने वाले ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल फीचर के बारे में बता रहे हैं। इस फीचर की मदद से आपको आरामदायक राइडिंग का मजा मिलेगा। इसके साथ ही यह कार के फ्यूल के खपत को कम करता है। लेकिन इस फीचर के जितने फायदे है उनते ही नुकसान भी है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

By Mrityunjay Chaudhary Edited By: Mrityunjay Chaudhary Updated: Tue, 02 Jul 2024 08:00 AM (IST)
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कारों में आने वाला ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल फीचर क्या है।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। कार चलाते समय आराम और सुविधा बेहद जरूरी होती है। आज के समय में लगभग सभी गाड़ियों में आने वाला ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल (ACC) एक ऐसा फीचर है, जो न केवल कंफर्ट को बढ़ाता है। इसके साथ ही ड्राइविंग एक्सपीरियंस को भी बेहतर बनाता है। आइए जानते हैं कि यह किस तरह से काम करता है और इसके फायदे क्या है।

क्या है ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल?

गाड़ियों में आने वाला ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल एक ऐसा फीचर है, जो कार के अंदर तापमान और आर्द्रता को खुद-ब-खुद कंट्रोल करता है। यह आपके द्वारा निर्धारित तापमान को बनाए रखने के लिए एयर कंडीशनिंग, हीटिंग और फैन स्पीड को बनाए रखने का काम करता है।

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ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल के फायदे

  • इस फीचर की मदद से आप अपनी पसंद के तापमान को गाड़ी के अंदर सेट कर सकते हैं। अगर यह आपकी कार में है तो आपको बार-बार कंट्रोल्स को समायोजित करने की जरूरत नहीं होती है।
  • यह ड्राइवर का ध्यान भटकरने नहीं देता है। जब आप तापमान को समायोजित करने के लिए कंट्रोल्स का इस्तेमाल करते हैं तो आपका ध्यान सड़क से हट जाता है। जिसकी वजह से आप हादसे का शिकार भी हो सकते हैं।
  • कार में इसके होने पर यह एयर कंडीशनिंग या हीटिंग को रोककर माइलेज में सुधार कर सकता है। यह तभी काम करता है, जब इसकी जरूरत होती है और इससे फ्यूल की बचत होती है।
  • यह फीचर कार के अंदर की हवा की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह धूल, पराग और अन्य एलर्जी को हवा के जरिए गाड़ी से बाहर निकालता है।

ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल के नुकसान

ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल के फायदे होने के साथ ही नुकसान भी है।

  • इस फीचर की वजह से आपका समय और पैसा ज्यादा खर्च हो सकता है।
  • यह फीचर पूरी तरह से ऑटोमैटिक होता है, लेकिन एक बार खराब हो जाए तो इसे ठीक करवाना मैनुअल से मंहगा पड़ता है।
  • मैनुअल एसी में खराबी आने पर कंप्रेसर को बदला जा सकता है, लेकिन इसके खराब होने पर अच्छे मेकैनिक के साथ ही ऑन बोर्ड कम्यूटर को भी सेट करना पड़ता है।
  • मैनुअल एसी के मुकाबले इसमें कई बटन होते हैं, ऐसे में इसे सही से ऑपरेट करने में थोड़ी परेशानी हो सकती है।
  • सके अलावा कुछ लोगों को इससे निकलने वाली हवा बहुत ठंडी लग सकती है।
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