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PUC Certificate

PUC Certificate सड़क पर वाहन चलाते समय आपके पास वैध PUC Certificate होना बहुत जरूरी है। गाड़ी का PUC Certificate ये बताता है कि इससे होने वाला उत्सर्जन भारत सरकार के प्रदूषण नियंत्रण मानदंडों से कम है। (फाइल फोटो)।

By Jagran NewsEdited By: Rammohan MishraUpdated: Sat, 08 Apr 2023 06:29 PM (IST)
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what is PUC Certificate know everything about PUC?
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। पीयूसी प्रमाणपत्र एक ऐसा वैध दस्तावेज है, जो यह साबित करता है कि आपके वाहन का उत्सर्जन स्तर सरकार द्वारा निर्धारित स्तर के अंदर है। दरअसल, सड़क पर चलने वाले वाहनों की संख्या को देखते हुए एक केंद्रीकृत प्रणाली के माध्यम से प्रत्येक वाहन के उत्सर्जन की निगरानी करने की आवश्यकता होती है।

इसके लिए प्रत्येक वाहन द्वारा उत्सर्जन मानदंडों का पालन सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के तहत भारत सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र या पीयूसी प्रमाणपत्र अनिवार्य किया गया है। आप इसे केवल सरकार द्वारा अधिकृत परीक्षण केंद्र द्वारा ही जारी करा सकते हैं।

क्यों जरूरी है PUC Certificate?

सड़क पर वाहन चलाते समय आपके पास वैध PUC Certificate होना बहुत जरूरी है। राह चलते कोई भी ट्रैफिक पुलिस अधिकारी आपसे पीयूसी प्रमाणपत्र मांग सकता है। अगर आप इसे पेश नहीं कर पाए तो आपको भारी जुर्माना भरना पड़ेगा।

ऐसे में बेहतर है कि आपके पास हमेशा वाहन का PUC Certificate होना चाहिए, ताकि आप ऐसी दिक्कतों से बचे रहें और फियरलेस ड्राइविंग कर पाएं। अगर आपके पास वैध पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं है तो मालिक मोटर वाहन अधिनियम की धारा 190(2) के तहत आप कानूनी कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होंगे।

इस अपराध के लिए वाहन मालिक या चालक को पहली बार 1000 रुपये और फिर उसके बाद 2000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। दिल्ली में तो भारी-भरकम जुर्माने के साथ जेल की भी सजा है।

कब कराएं वाहन का परीक्षण?

जब कोई नया वाहन खरीदते हैं तो उसे पीयूसी परीक्षण की आवश्यकता होती है। आपको बता दें कि नए मोटर वाहन के साथ वाहन मालिक को पीयूसी प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है। नई कार/बाइक के लिए प्रदूषण प्रमाणपत्र 1 साल के लिए वैध होता है। उसके बाद हर 6 महीने में उसे रिन्यू कराने की जरूरत पड़ती है।

क्या हर राज्य का अलग PUC Certificate होता है?

आपके मन में सवाल आता होगा कि कहीं देश के सभी राज्यों में PUC Certificate को लेकर अलग-अलग नियम तो नहीं हैं। आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। आपके पास बस मान्यता प्राप्त परीक्षण केंद्र से जारी PUC Certificate होना चाहिए। ये पूरे देश में मान्य होगा।

PUC Certificate का क्या है उद्देश्य?

गाड़ी का PUC Certificate ये बताता है कि इससे होने वाला उत्सर्जन भारत सरकार के प्रदूषण नियंत्रण मानदंडों के मुताबिक है। प्रत्येक प्रकार के वाहन से धुआं निकलता है और नियमित जांच से यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि समग्र प्रदूषण स्तर नियंत्रण में है। वाहन का PUC Certificate पुष्टि करता है कि आपका मोटर वाहन प्रदूषण मानदंडों का अनुपालन कर रहा है। इससे होने वाले उत्सर्जन से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंच रहा है।

अधिकृत केंद्र से पीयूसी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए मोटर वाहन को उत्सर्जन स्तर की जांच के लिए प्रदूषण परीक्षण से गुजरना होता है। मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अनुसार एक वाहन मालिक के पास कार बीमा पॉलिसी, पंजीकरण प्रमाणपत्र, ड्राइविंग लाइसेंस और पीयूसी प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज होने जरूरी हैं। शेष भारत के लिए पीयूसी प्रमाणपत्र की वैधता 6 महीने है, जबकि दिल्ली में यह केवल 3 महीने ही वैध रहता है। एक वैध पीयूसी प्रमाणपत्र के साथ भी यदि उत्सर्जन निर्धारित सीमा से अधिक पाया जाता है तो प्रदूषण प्रमाणपत्र रद्द किया जा सकता है। ऐसे में आपको 7 दिनों के अंदर नया प्रमाणपत्र बनवाने की आवश्यकता होती है।

PUC Certificate कैसे बनवाएं ?

      आपको पीयूसी प्रमाणपत्र बनवाने के लिए निम्नलिखित चरणों से गुजरना होगा।

  • वाहन को प्रदूषण परीक्षण केंद्र या स्थानीय आरटीओ या परीक्षण केंद्र वाले ईंधन स्टेशन पर ले जाएं।
  • अधिकृत परीक्षण व्यक्ति कार/बाइक के इजेक्शन पाइप से उत्सर्जन स्तर की जांच करके परीक्षण शुरू करेगा। किसी को पीयूसी प्रमाणपत्र के लिए एक परीक्षण केंद्र पर शारीरिक रूप से जाना पड़ता है और इसमें शामिल मैन्युअल कार्य के लिए इसे ऑनलाइन प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
  • अगला, वाहन के प्रज्वलन को चालू करें और इंजन को तेज करें ताकि सम्मिलित डिवाइस कार्बन उत्सर्जन का विश्लेषण करे
  • एक बार परीक्षण सटीक रूप से हो जाने के बाद, डिवाइस कंप्यूटर स्क्रीन पर रीडिंग प्रदर्शित करेगा
  • एक बार जब ऑपरेटर वाहन की रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट की तस्वीर ले लेता है, तो पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट जेनरेट हो जाता है
  • एक बार भुगतान हो जाने के बाद, कोई व्यक्ति पीयूसी या प्रदूषण प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकता है
  • डीजल वाहनों के लिए, त्वरक को पूरी तरह दबाया जाता है, और यह प्रक्रिया पांच बार दोहराई जाती है। सभी रीडिंग का औसत अंतिम रीडिंग का गठन करता है
  • पेट्रोल वाहनों के लिए, एक्सीलरेटर दबाए बिना कार को निष्क्रिय रखा जाता है। केवल एक पठन को ही अंतिम पठन माना जाता है

PUC Certificate कैसे डाउनलोड करें?

आप इन आसान की स्टेप्स की मदद से अपना PUC Certificate डाउनलोड कर सकेंगे।

  • वाहन परिवहन पोर्टल पर जाएं
  • मेन्यू बार से 'पीयूसी सर्टिफिकेट' विकल्प पर क्लिक करें
  • वाहन की पंजीकरण संख्या, चेसिस संख्या, और सुरक्षा कोड दर्ज करें
  • 'पीयूसी विवरण' बटन पर क्लिक करें
  • आपको एक नए पृष्ठ पर पुनर्निर्देशित किया जाएगा जहां पीयूसी प्रमाणपत्र विवरण प्रदर्शित किया जाएगा
  • आप पीयूसी प्रमाणपत्र भी डाउनलोड कर सकते हैं

PUC Certificate का विवरण

एक PUC Certificate में निम्नलिखित जानकारी होती है।

  • पीयूसी सर्टिफिकेट का सीरियल नंबर 
  • वाहन का लाइसेंस प्लेट नंबर
  • कार का रजिस्ट्रेशन नंबर
  • प्रदूषण परीक्षण की तिथि और परीक्षण की समाप्ति तिथि
  • उत्सर्जन परीक्षण रीडिंग

PUC Certificate की लागत और वैधता

PUC Certificate केवल एक सीमित अवधि के लिए वैध होता है। नए और पुराने वाहनों के लिए इसकी अवधि अलग-अलग होती है। अमूमन एक नई कार या नई बाइक के लिए पीयूसी प्रमाणपत्र की वैधता अवधि 1 वर्ष होती है। उसके बाद आपको हर 6 महीने में प्रदूषण प्रमाण पत्र का नवीनीकृत कराना होगा। जिसमें उत्सर्जन परीक्षण केंद्र वाले पेट्रोल पंप से हर बार एक नया प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।

आप कोई स्थानीय आरटीओ या स्टैंडअलोन अधिकृत प्रदूषण नियंत्रण केंद्र से भी PUC Certificate ले सकते हैं। जांच के दौरान यदि यह पीयूसी परीक्षण मानक को पूरा करने में विफल रहता है तो नवीनीकृत प्रमाणपत्र की वैधता 6 महीने से पहले भी रद्द की जा सकती है।

यदि अधिक आपके वाहन में अधिक कार्बन उत्सर्जन पाया जाता है तो पंजीकरण नंबर नोट किया जाएगा और 24 घंटे के भीतर अधिकृत परीक्षण केंद्र द्वारा आरटीओ या डिप्टी आरटीओ या सहायक आरटीओ को सूचित किया जाएगा। आप इसे महज 60 से 100 रुपये खर्च करके प्राप्त कर सकते हैं। पीयूसी प्रमाणपत्र की कीमत एक राज्य से दूसरे राज्य में भिन्न हो सकती है।

PUC Certificate के फायदे

प्रदूषण को नियंत्रण में रखता है

कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रण में रखने से भी समग्र प्रदूषण स्तर को नियंत्रण में रखने में मदद मिलती है। यह वाहन मालिक को कानून का पालन करने वाला नागरिक बनाता है जो देश के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद कर सकता है।

वाहन का स्वास्थ्य अद्यतन

एक पीयूसी प्रमाणपत्र आपको यह समझने में मदद करता है कि आपका वाहन पर्यावरण के अनुकूल है या नहीं और नवीनीकरण के दौरान मोटर वाहन की समग्र स्थिति को ट्रैक करता है।

बीमा के लिए अनिवार्य

एक पीयूसी प्रमाणपत्र वाहन बीमा को नवीनीकृत करने में मदद करता है क्योंकि बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) ने इसे अनिवार्य बना दिया है।

PUC Certificate को लेकर आमतौर पर पूछे जाने वाले सवाल

अक्सर हमारे मन में PUC Certificate को लेकर कुछ सवाल उठते हैं। हम आपको इन्हे कॉमन सवाल और उनके जवाबो के बारे में बताने जा रहे हैं।

PUC Certificate क्या है?

PUC Certificate को 'प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र' के रूप में भी जाना जाता है। यह मान्य करता है कि आपका वाहन चलाने के लिए सुरक्षित है और ये पर्यावरण के लिए कोई खतरा नहीं पैदा कर रहा है। वाहन का कार्बन उत्सर्जन स्तर भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानक के अंदर है।

PUC Certificate कैसे बनवाएं?

आप किसी भी अधिकृत प्रदूषण नियंत्रण परीक्षण केंद्र या किसी स्थानीय आरटीओ या किसी ईंधन स्टेशन पर जाइए जहा पर प्रदूषण जांच केंद्र हो। अधिकृत परीक्षण ऑपरेटर निकास पाइप से उत्सर्जन स्तर का परीक्षण करेगा और रीडिंग को नोट करेगा। यदि उत्सर्जन स्तर सरकार के प्रदूषण मानकों को पूरा करता है तो मामूली शुल्क का भुगतान करें और फिर वाहन की पंजीकृत नंबर प्लेट का दृश्य प्रमाण लेने के तुरंत बाद पीयूसी प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाएगा।

PUC Certificate दूसरे राज्य में भी मिल जाएगा?

आप अपने वाहन का PUC Certificate देश के किसी भी राज्य से बनवा सकते हैं। ये समूचे भारत में मान्य भी होगा। आपको बता दें कि वाहन मालिक दूसरे राज्य में जारी पीयूसी प्रमाणपत्र के नवीनीकरण के लिए किसी भी अधिकृत उत्सर्जन परीक्षण केंद्र पर जा सकता है।