Move to Jagran APP

कार में कब जरूरी होता है टायर रोटेशन और कब कराएं ? यहां जानें इसके फायदे

टायर रोटेशन कराते रहने से भी टायर बराबर घिसते हैं। वरना टायर बराबर नहीं घिसते हैं। आमतौर पर कार के आगे वाले टायर अधिक घिसते हैं और पीछे वाले टायर कम घिसते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कार में आगे बहुत वजन होता है।इसके अलावा टायर की उम्र बढ़ती है जिसके कारण आपको नए टायर खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है।

By Ayushi ChaturvediEdited By: Ayushi ChaturvediUpdated: Wed, 16 Aug 2023 05:11 PM (IST)
Hero Image
कार में कब जरूरी होता है टायर रोटेशन और कब कराएं ?
नई दिल्ली,ऑटो डेस्क। कार में टायर सबसे अहम भूमिका निभाता है। अधिकांश लोगों के पास कारों के टायर रोटेशन के बारे में नहीं पता है। कई लोग तो टायर रोटेशन कराने को गंभीरता से नहीं लेते हैं, इसके बारे में जानना आपके लिए काफी अहम है क्योंकि टायर रोटेशन आपकी कार से जुड़ी सुरक्षा का मामला है। आपको बता दें, आगे वाले टायर अधिक घिसते हैं और पीछे वाले कम घिसते हैं क्योंकि कार में आगे अधिक वजन होता है। टायर रोटेशन से टायर का बराबर घिसना जरुरी होता है। जिससे उसकी उम्र बढ़ती है और ग्रिप बनाए रखने में मदद मिलती है।

टायर बराबर नहीं घिसते हैं

टायर रोटेशन कराते रहने से भी टायर बराबर घिसते हैं। वरना टायर बराबर नहीं घिसते हैं। आमतौर पर कार के आगे वाले टायर अधिक घिसते हैं और पीछे वाले टायर कम घिसते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि कार में आगे बहुत वजन होता है। इंजन कारों में आगे की ओर रखा होता है, जिससे आगे वाले टायर पर हमेशा दबाव रहता है, जिससे वो अधिक घिसता है।

टायर रोटेशन में टायर्स का बराबर घिसना सुनिश्चित होता है

लेकिन टायर रोटेशन में टायर्स का बराबर घिसना सुनिश्चित होता है। इसके कारण टायर की उम्र अधिक बढ़ती है और कार के सभी टायर्स की ग्रिप भी लंबे समय तक अच्छी बनी रहती है, सेफ्टी में सुधार भी होता है। सामान ग्रिप और स्टेबिलिटी वाले टायर अच्छी रोड़  होल्डिंग और ब्रेकिंग में  मदद करते हैं। जिससे कार पर कंट्रोल अच्छा रहता है।

टायर की उम्र बढ़ती है

इसके अलावा, टायर की उम्र बढ़ती है जिसके कारण आपको नए टायर खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है। क्योंकि कार के पुराने अधिक दूरी नहीं तय कर सकते हैं। इतना ही नहीं , जब आप टायर रोटेशन कराते हैं तो आपको माइलेज भी अच्छी मिलती है।

टायर रोटेशन के फायदे

सभी टायर बराबर घिसते हैं। इसके कारण माइलेज में सुधार होता है। अच्छी रोड़ होल्डिंग और ब्रेकिंग में सुधार होता है। टायर की उम्र बढ़ती है। आपको जल्द -जल्द नए टायर्स खरीदने की जरूरत नहीं होती है।

कब कराएं टायर रोटेशन

टायर रोटेशन में कार के आगे वाले टायर को पीछे कर दिया है और पीछे वाले टायर को आगे लगा दिया जाता है। हर 8 हजार से 10 हजार किलोमीटर पर टायर रोटेशन करा लेना चाहिए।