अरबपति, बड़े व्यापारी महंगी कारों को क्यों कंपनी के नाम पर करवाते हैं रजिस्टर्ड, क्या मिलता है Tax में फायदा?
भारतीय बाजार में Mercedes Benz Audi BMW Volvo Rolls Royce Lamborghini जैसी कई लग्जरी और बेहद महंगी कारों को बिक्री के लिए उपलब्ध करवाया जाता है। इन कारों को अधिकतर बड़े व्यापारी और अरबपति अपनी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड करवाते हैं। ऐसा किन कारणों से किया जाता है। क्या ऐसा करने पर Tax में फायदा मिलता है या नहीं। आइए जानते हैं।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। देश में हर महीने बड़ी संख्या में कारों की बिक्री होती है। इनमें से कई कारें करोड़ों रुपये की होती हैं, जिनको देश के अरबपति या बड़े उद्योगपति उपयोग करते हैं। इस तरह की कारों को कंपनी के नाम रजिस्टर्ड करवाने पर टैक्स में किसी तरह का फायदा मिलता है या नहीं। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।
ज्यादातर महंगी कारें होती हैं कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड
Mercrdes Benz, Audi, BMW, Lamborghini, Ferrari, Rolls Royce जैसे तमाम लग्जरी कार बनाने वाली कंपनियों की ओर से भारतीय बाजार में अपनी कारों और एसयूवी को ऑफर किया जाता है। इन कारों को खरीदते समय ज्यादातर लोग व्यक्तिगत नाम की जगह किसी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड करवाते हैं।
यह भी पढ़ें- भारत में लॉन्च हुई अपडेट BMW M340i, 4.4 सेकंड में पकड़ लेती है 0 से 100 किमी की रफ्तार
भारत को छोड़कर कई देशों में मिलता है फायदा
कई देशों में ऐसी महंगी कारों और एसयूवी को अगर किसी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड करवाया जाता है तो कई तरह के फायदे मिलते हैं। यह फायदे आयकर अधिनियम के सेक्शन 179 के तहत मिलते हैं, लेकिन मौजूदा समय में भारत में ऐसा करने के फायदे नहीं मिलते।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
टैक्स एक्सपर्ट के तौर पर लंबे समय से सेवा देने वाले राहुल कक्कड़ के मुताबिक कुछ देशों में आयकर अधिनियम की धारा 179 के समान प्रावधान भारत में लागू नहीं हैं। ऐसे प्रावधान जीएसटी व्यवस्था से पहले मौजूद थे, जो बिजनेस एसेट के तौर पर क्लासिफाइड व्हीकल्स पर इनपुट टैक्स क्रेडिट की अनुमति देते थे। इनका उपयोग आम तौर पर प्रोफेशनल्स की ओर से किया जाता था, हालाँकि, ये अब मौजूदा जीएसटी कानूनों के तहत पात्र नहीं हैं।किसे मिलता है फायदा
टैक्स एक्सपर्ट राहुल कक्कड़ के मुताबिक कोई भी व्यक्ति कार खरीदने पर जीएसटी इनपुट का दावा नहीं कर सकता, यह आईटीसी द्वारा अवरुद्ध है। इस तरह का फायदा सिर्फ कैब ऑपरेटर्स या ड्राइविंग स्कूल मालिक ही उठा सकते हैं और नई गाड़ी खरीदने पर जीएसटी इनपुट का दावा कर सकते हैं। इतना ही नहीं, जीएसटी इनपुट के तहत कार के रखरखाव, बीमा और अन्य खर्च भी आयकर कोड द्वारा ब्लॉक कर दिए जाते हैं, जब वे खुद या कंपनी के उपयोग के लिए खरीदे जाते हैं। जब तक कि इनका उपयोग कमर्शियल ड्राइविंग स्कूल या कैब ऑपरेटर्स की ओर से न किया जा रहा हो।