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कब और कैसे हुई कारों में सनरूफ की शुरुआत? सिर्फ बाहर झांकने के लिए नहीं है कार की छत पर लगी कांच की ये खिड़की

History of Car Sunroof दुनिया भर में सबसे पहले Nash car को 1937 में सनरूफ के साथ पेश किया गया था। इसमें एक मेटल पैनल था जो बाहर की ओर खोला जा सकता था और इससे कार के खुले का अनुभव मिलता था। शुरुआत में Bentley और Rolls Royce जैसे लग्जरी कार निर्माताओं ने कोच-बिल्डरों की मदद से विशेष खुली छत के विकल्प की पेशकश की थी।

By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Thu, 06 Jul 2023 06:51 PM (IST)
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Car with Open Sunroof history of sunroof in car When and how did it start
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। मौजूदा समय में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के अंदर Sunroof का क्रेज है। अमूमन लोग एक नई कार खरीदने जाते हैं, तो ये देखते हैं कि इसमें सनरूफ है या फिर नहीं। क्या आपको पता है कि कारों में सनरूफ का चलन कब और कैसे शुरू हुआ? अगर आपको जवाब है नहीं, तो अपने इस लेख में हम इस पर ही बात करने वाले हैं। हम जानेंगे कि कारों में सनरूफ की असली उपयोगिता क्या है और इस फीचर को कार कंपनियों ने क्यों देना शुरू किया था।

Sunroof की कब हुई थी शुरुआत?

दुनिया भर में सबसे पहले Nash car को 1937 में सनरूफ के साथ पेश किया गया था। इसमें एक मेटल पैनल था, जो बाहर की ओर फिसलने में सक्षम था और इससे खुले केबिन का आकर्षण मिलता था। इसका मुख्य उद्देश्य पैसेंजर और ड्राइवर को एक अच्छी सराउंडिंग प्रदान करना था। जानकारों का कहना है कि ऐसे देशों में इनकी मांग ज्यादा बढ़ी थी, जहां धूप बहुत कम या फिर 'न' के बराबर निकलती है। ऐसी सड़कों पर सनरूफ से कार की छत को हल्का सा खोलकर अच्छा ड्राइविंग अनुभव लिया जाता है।

लग्जरी कारों में मिलता था ये फीचर 

शुरुआत में Bentley और Rolls Royce जैसे लग्जरी कार निर्माताओं ने कोच-बिल्डरों की मदद से विशेष खुली छत के विकल्प की पेशकश की थी। ये मालिकों को हवा का आनंद लेने में सक्षम बनाते थे, जब वे खुद से ड्राइव के लिए कार को बाहर लेकर जाते थे। इसके साथ ही इस तकनीक के साथ हुए विभिन्न नवाचारों ने जल्द ही सनरूफ को बड़े पैमाने पर बाजार में पेश करने में सक्षम बनाया। मौजूदा समय में कपड़े और शीशे जैसे एलिमेंट के साथ इन्हे पेश किया जाता है और ये आम जनमानस के लिए आसानी से उपलब्ध हैं।

कितने काम का है सनरूफ?

कारों में मिलने वाला सनरूफ उन देशों में एक लाभकारी फीचर साबित होता है, जहां की सड़कें अच्छी हैं और वहां धूप बहुत कम आती है। ऐसी जगह लोग अपनी कार को सुरक्षित सड़क पर सनरूफ ओपन करके चलाते हुए हल्की धूप का आनंद लेते हैं। वहीं, भारत जैसे देश में इस फीचर को केवल स्टेटस सिंबल के रूप में उपयोग किया जा रहा है। कई लोग तो सनरूफ वाली कार गलत उपयोग भी कर रहे हैं। इसमें कहीं पर कार के सनरूफ खुला छोड़ देना, बच्चों को इसके बाहर निकालकर यात्रा करवाने जैसी चीजें शामिल हैं।

देश की सबसे सस्ती सनरूफ वाली कार

मौजूदा समय में Tata Altroz CNG देश की सबसे सस्ती सनरूफ वाली कार है। कंपनी इसे भारतीय बाजार में 7.55 लाख रुपये की शुरुआती कीमत पर बेचती है। ये कार कई मामलों में खास और यूनिक है। इसे टाटा की ट्विन सिलेंडर तकनीक के साथ पेश किया गया है, जिसकी मदद से ये सीएनजी कार होते हुए भी ग्राहक को एक नॉर्मल हैचबैक की तरह सामान रखने के लिए बूट स्पेस प्रदान करती है। इसके अलावा भी इंडियन मार्केट में एंट्री लेवल से लेकर लग्जरी सेगमेंट तक कई कारें मौजूद हैं, जो सनरूफ के साथ आती हैं।