गाड़ियों में डिटेलिंग और PPF क्यों जरूरी? कैसा है भारत में इसका भविष्य, एक्सपर्ट्स से समझें
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई के जरिये काम करने वाले डायग्नोस्टिक्स और ऑटोमेशन मेंटेनेंस में जबर्दस्त क्रांति ला रहे हैं। ऐसे स्मार्ट सेंसर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है जो समस्याओं की ज्यादा गंभीर होने से पहले पहचान कर लेते हैं और इसके परिणामस्वरूप समय और पैसे की बचत करते हैं। आइये एक्सपर्ट्स से डिटेल में जानते हैं। (जागरण फाइल फोटो)
By Atul YadavEdited By: Atul YadavUpdated: Tue, 31 Oct 2023 07:00 PM (IST)
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक वाहन मालिकों की जिम्मेदारी होती है गाड़ी को मेंटेन रखना, इससे गाड़ी की लाइफ लंबी होती ही साथ ही साथ गाड़ी बीच रास्ते में धोखा नहीं देती है। बहुत सारे लोग अपने गाड़ी को प्रीमियम लुक देने के लिए उस पर डिटेलिंग और पीपीएफ करवाते हैं। अब सवाल उठता है कि गाड़ियों में डिटेलिंग करवाना क्यों जरूरी है और भारत में इसका क्या भविष्य है? इस मुद्दे पर जागरण ने एक्सपर्ट्स से बातचीत की जिसको हम नीचे बताने वाले हैं।
गाड़ियों में क्यों जरूरी होता है कार डिटेलिंग
व्हील फोर्स कार डिटेलिंग के रिलेशनशिप मैनेजर एंड बीडीएम Parmeet Dhiman का कहना है कि कार डिटेलिंग इसलिए जरूरी है, क्योंकि कार आपकी पर्सनालिटी को दिखाता है। इसके अलावा कार डिटेलिंग से आपकी गाड़ी की शाइन और पेंट लाइफ बढ़ जाता है। वहीं डिटेलिंग आपकी गाड़ी को यूवी किरणों से भी बचाता है और गाड़ी सालों साल तक नई लगती है।
भारत में कार डिटेलिंग और मेंटेनेंस का भविष्य
लॉर्ड्स ऑफ डिटेलिंग के संस्थापक और मालिक जसमीत सिंह गुलाटी का कहना है कि जैसे-जैसे वक्त बीतने के साथ हम आगे की तरफ बढ़ रहे हैं, ठीक उसी दौरान कार डिटेलिंग और मेंटेनेंस की दुनिया भी बहुत तेजी से तब्दील हो रही है।आलम यह है कि ग्राहकों की मांगों में देखने को मिल रहे अभूतपूर्व बदलाव और तेजी से तरक्की कर रही तकनीकी कार डिटेलिंग सेक्टर को अब नया आकार दे रही है। इस बदलते परिवेश में इनोवेशन और बदलाव के साथ कदम मिलाना जरूरी हैं। कार डिटेलिंग और मेंटेनेंस से जुड़े व्यवसायों को भविष्य में सफल होने के लिए, उन्हें पर्यावरण को हानि पहुंचाए बिना प्राकृतिक चीजों और ऊर्जा का इस्तेमाल करने वाली सुविधाओं, तकनीकी और उपभोक्ताओं की बदलती पसंद को अपनाना होगा।अब पारंपरिक कार डिटेलिंग में पर्यावरण-हितैषी तरीके अपनाए जा रहे हैं, जो इस सेक्टर को फिर से परिभाषित कर रहे हैं और इसकी बड़ी वजह उपभोक्ता हैं, जो ज्यादा से ज्यादा पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। पर्यावरण को बिना हानि पहुंचाए प्राकृतिक रूप से पुनः पृथ्वी में मिल जाने वाली (बायोडिग्रेडेबल) चीजों के बढ़ते इस्तेमाल, इलेक्ट्रिक वाहनों के रखरखाव और बिना पानी का उपयोग किए साफ-सफाई की तकनीकों से पर्यावरण पर पड़ने वाले खतरनाक असर को कम करने में मदद मिलती है।