1 अप्रैल से बंद हो सकती हैं ये कारें, नए BS6 फेज-2 नियमों के चलते लिया जाएगा फैसला
अप्रैल माह से नए वाहन नियमों के जारी होने के बाद विभिन्न कार कंपनियों के करीब 16 मॉडल्स बंद हो सकते हैं। सरकार BS6 फेज-2 नियमों के तहत रियल ड्राइविंग एमिशन (RDE) लागू करने जा रही है। (फाइल फोटो)।
By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Wed, 29 Mar 2023 02:10 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। नए BS6 फेस-2 नियमों के तहत RDE Norms के चलते देश की ऑटोमोबाइल कंपनियां अपने कई सारे कार मॉडल्स बंद करने जा रही हैं। इसमें Honda, Hyundai, Mahindra, Tata और Skoda जैसी कार कंपनियाों के नाम शामिल हो सकते हैं। हो सकता है कि इस लिस्ट में उस कार मॉडल का नाम शामिल हो, जिसे आप खरीदने का प्लान कर रहे हैं। पढ़िए ये लेख और जानिए कि कौन-कौन से मॉडल नए नियमों के चलते बंद हो सकते हैं।
होंडा की 5, महिंद्रा की 3, हुंडई और स्कोडा की 2-2 कारें हो सकती हैं बंद
अप्रैल माह से लागू हो रहे नए BS6 फेस-2 नियमों और RDE नियमों के चलते होंडा, महिंद्रा, हुंडई, स्कोडा, रेनो, निशान, मारुति सुजुकी, टोयोटा और टाटा जैसी भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियां अपने कुछ मॉडल बंद कर सकती हैं। इसमें ज्यादातर डीजल इंजन वाली कार शामिल हैं। आपको बता दें कि सभी कंपनियां अपनी कार के कुछ मॉडल्स को ही डिस्कान्टीन्यू कर रही हैं। कोई भी कार पूरी तरह से आना बंद नहीं होगी।
ये कार मॉडल हो सकते हैं बंद
अप्रैल माह से नए वाहन नियमों के जारी होने के बाद विभिन्न कार कंपनियों के करीब 16 मॉडल्स बंद हो सकते हैं। इनमें Honda City 4th gen, Honda City Diesel 5th Gen, Honda Amaze Diesel, Honda Jazz, Honda WR-v, Mahindra Marazzo, Mahindra Alturas G-4, Mahindra KUV100, Hyundai Verna Diesel, Skoda Octavia, Skoda Superb, Tata Altroz Diesel, Renault Kwid 800, Nissan Kicks, Maruti Alto 800, Innov Crysta Petrol जैसी गाड़ियों के नाम शामिल हैं।
क्या हैं BS6 फेस-2 RDE Norms
देश में बढ़ते प्रदूषण के चलते इन नियमों को अप्रैल माह से लागू किया जा रहा है। सरकार BS6 फेज-2 नियमों के तहत रियल ड्राइविंग एमिशन (RDE) लागू करने जा रही है। इसका मतलब है कि अब जो गाड़ियां बेची जाएगी उन्हे सड़क पर चलते हुए एमिशन के कायदों पर खरा उतरना होगा। गाड़ियों की रियल ड्राइविंग एमिशन (RDE) टेस्टिंग सड़कों पर की जाएगी। इस टेस्ट में देखा जाएगा कि गाड़ी से निकलने वाले धुएं में पॉल्यूटेंट्स तय सीमा से ज्यादा तो नहीं निकल रहे। एक अप्रैल से सभी नई कारों को इन मानकों पर खरा उतरना पड़ेगा।