2027 तक बंद हो जाएंगी डीजल कारें? अगर ऐसा हुआ तो ऑटो इंडस्ट्री में क्या होंगे बदलाव, आप पर कितना होगा इसका असर
डीजल कारों पर बैन की बात फिर से शुरू हो गई है। ज्यादा प्रदूषित शहरों में डीजल से चलने वाले चौपहिया वाहनों पर 2027 तक प्रतिबंध लग सकता है। इसके बजाय इलेक्ट्रिक और गैस-ईंधन वाले वाहनों को बढ़ावा देने का प्रस्ताव रखा गया है। (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण को लेकर सरकार अब एक्शन मोड में नजर आ रही है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा गठित एक पैनल ने 1 मिलियन से अधिक आबादी वाले शहरों में 2027 तक डीजल से चलने वाले चार पहिया वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने और इसके बजाय इलेक्ट्रिक और गैस-ईंधन वाले वाहनों को बढ़ावा देने का प्रस्ताव रखा है।
अगर कहीं सच में ऐसा होता है तो डीजल इंजन से चलने वाले वाहनों का क्या होगा और इसकी वजह से किस तरह के नुकसान झेलने पड़ सकते हैं, आइए जान लेते हैं। क्या ये फैसला इतनी जल्दी लागू हो पाएगा?
जेब पर पड़ेगा तगड़ा असर
जैसा कि कहा गया है, डीजल से चलने वाले चौपहिया वाहनों को जल्द से जल्द बंद किए जाने की जरूरत है। इसलिए, सभी मिलियन प्लस और ज्यादा प्रदूषित शहरों में डीजल से चलने वाले चौपहिया वाहनों पर प्रतिबंध पांच साल में, यानी 2027 तक लागू किया जाना है। ऐसे में एकदम से डीजल कार बंद हो जाने पर लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ जाएगा।
चरमरा सकती है परिवहन व्यवस्था
जब एकदम से इतनी मात्रा में चार पहिया वाहनों को बंद कर दिया जाएगा तो परिवहन व्यवस्था बड़ा व्यवधान आ सकता है। बहुत सारे लोगों के पास मौजूदा समय में डीजल इंजन वाली कार हैं। अभी भी लोग महंगे पेट्रोल और डीजल इंजन के ज्यादा माइलेज की वजह से डीजल कार खरीद भी रहे हैं। ऐसे में एकदम प्रतिबंध लगने से बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है।
विकल्प तलाशने में होगी दिक्कत
एकदम से इतनी संख्या में डीजल कारों को बाहर करने से लोगों को इसका विकल्प तलाशने में भी समय लग सकता है, क्योंकि आज के समय में बहुत से लोग इसे सबसे बेहतर ईंधन मानते हैं। हालांकि, डीजल इंजन वाली गाड़ियां वाहन ईंधन विकल्प की तुलना में ज्यादा प्रदूषण करती हैं। लोग अभी हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक कारों पर पूरी तरह से भरोसा नहीं कर पा रहे हैं।
कंपनियों को लगेगा बड़ा झटका
देश कई वाहन निर्माता कंपनियां अभी भी डीजल कारों उत्पादन कर रही हैं। अगर सरकार द्वारा एकाएक इतना बड़ा फैसला ले लिया जाएगा तो उन्हें भारी नुकसान झेल पड़ेगा।
फिलहाल दुनिया के कई देशों में डीजल कारों को बैन करने की बात चल रही है। कुछ देशों ने तो ये फैसला लागू भी कर दिया है। जो भी परिस्थिति हो, वाहन मालिकों और निर्माताओं को इसके लिए तैयार रहना होगा।