धड़ल्ले से बिक रही हैं SUV कारें, एंट्री-लेवल गाड़ियों की बिक्री में आई कमी; क्या है इसके पीछे की वजह
देश में सबसे ज्यादा पैसेंजर वाहनों में स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (SUV) को पसंद किया जा रहा है जबकि एंट्री-लेवल कारों की बिक्री में भारी गिरावट आई है। 2022-23 में पैसेंजर वाहनों की बिक्री 27 प्रतिशत बढ़कर 38.9 लाख यूनिट हो गई है। (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। देश में ऑटोमोबाइल बाजार लगातार उन्नति कर रहा है। सबसे ज्यादा पैसेंजर वाहन खरीदे और बेचे जा रहे हैं। आंकड़ो की बात करें तो 2022-23 में पैसेंजर वाहनों की बिक्री 27 प्रतिशत बढ़कर 38.9 लाख यूनिट हो गई है। यह निश्चित रूप से भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए एक प्रभावशाली प्रदर्शन है, लेकिन इसी के साथ एक अजीब आंकड़ा भी सामने आया है। दरअसल देश में सबसे ज्यादा पैसेंजर वाहनों में स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (SUV) को पसंद किया जा रहा है जबकि एंट्री-लेवल कारों की बिक्री में भारी गिरावट आई है। क्या है इसके पीछे की वजह, आइए यही जानने की कोशिश करते हैं।
स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (SUV) की क्यों बढ़ी बिक्री
आज के समय में लोग एक ऐसी कार तलाशते हैं जो उनके सभी काम निर्बाध रूप से कर सके। एक स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (SUV) में ये सभी विशेषताएं होती हैं और इसी वजह से लोग इन्हे खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं। ये तो हो कई खरीदार की बात अब इसे कार निर्माता के नजरिए से समझ लेते हैं। कार निर्माता भी चाहते हैं कि उनकी SUV कारें ज्यादा बिकें क्योंकि उन पर निर्माता एंट्री-लेवल कारों के मुकाबले मार्जिन ज्यादा बेहतर मिलता है।
एंट्री-लेवल कारों का भविष्य
ऐसा भी नहीं कहा सकता कि देश में एंट्री-लेवल कारें एकदम से बिकनी बंद हो जाएंगी। कंपनियां भी नए मॉडल निर्मित कर रही हैं और काफी संख्या में लोग इन्हे खरीद भी रहे हैं। सबसे ज्यादा Ola और Uber जैसी कंपनियां एंट्री-लेवल कारों को अपनी फ्लीट में शामिल कर रही हैं वहीं दूसरी ओर फर्स्ट बायर भी एंट्री-लेवल कारों को ही खरीदना प्रेफर करता है। लोग इन्हे इनके कॉम्पैक्ट साइज, कंफर्ट में कमी और सेफ्टी फीचर्स में के अभाव के चलते खरीदने से कतराते हैं, वहीं दूसरी ओर कम दाम में कार खरीदने की चाहत रखने वाले एंट्री-लेवल सेगमेंट में भी बेहतर विकल्प खोजते हैं।