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5 स्टार रेटिंग प्राप्त करने वाली गाड़ियां होती हैं सबसे सेफ, ग्लोबल NCAP कैसे करती है काम?

आप जब भी अपने लिए एक नई कार खरीदने जाते हैं तो सबसे पहले इस बात का ख्याल रखते हैं कि ये कार कितनी सेफ है क्योंकि सेफ्टी से अहम कुछ नहीं होता है। ऐसे में ग्लोबल एनकैप जैसी संस्थाएं आपकी हेल्प करती हैं। (जागरण फोटो)

By Atul YadavEdited By: Atul YadavUpdated: Sun, 23 Apr 2023 09:27 AM (IST)
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ग्लोबल NCAP द्वारा समय-समय पर गाड़ियों की क्रैश टेस्टिंग की जाती
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। दुनियाभर में कई अलग-अलग संस्थाएं है जो वाहनों का क्रैश टेस्ट करती है और रेटिंग तय करती हैं, जिसके बाद पता चलता है ये कार कितनी सेफ है। इसमें एडल्ट से लेकर बच्चों के लिए अलग-अलग रेटिंग मिलती है। लेकिन भारत में ग्लोबल एनकैप की रेटिंग की सबसे अधिक मान्यताएं हैं। अगर आप भी नई गाड़ी खरीदने जाते हैं तो डीलर आपको ग्लोबल एनकैप रिपोर्ट के बारे में बताता है तो आपको पहले ही इसका मतलब पता होगा।

क्या है ग्लोबल एनकैप

ग्लोबल NCAP द्वारा समय-समय पर गाड़ियों की क्रैश टेस्टिंग की जाती है और इनकी सेफ्टी रेटिंग जारी की जाती है। ग्लोबल एनकैप यानी ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (Global New Car Assessment Program) एक ऐसी संस्था है, जो स्वतंत्र रूप से नई कारों का कई मापदंडों पर क्रैश टेस्टिंग कर रेटिंग प्रदान करती है। यह संस्था टेस्ट की गई कारों को 0-5 स्टार की रेटिंग देती है।

कार कंपनियों के लिए ग्लोबल एनकैप रेटिंग काफी जरूरी होती है। ग्लोबल NCAP द्वारा 5 स्टार रेटिंग प्राप्त कारों को बहुत ही सेफ माना जाता है। भारत में इस समय बहुत से ऐसी गाड़ियां हैं, जिसे ग्लोबल एनकैप ने 5 स्टार रेटिंग दी है।

भारत भी शुरू करने वाली खुद टेस्टिंग संस्था

जैसी ग्लोबल एनकैप है, ठीक वैसे ही भारत में भी कार टेस्टिंग संस्था शुरू होने वाली है, जिसे Bharat NCAP कहा जाएगा। भारत एनकैप एक कंज्यूमर सेंट्रिक प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगा। इस प्लेटफॉर्म के बदौलत अब लोगों की सुरक्षा को देखते हुए नए वाहनों के निर्माण के बाद भारत में क्रैश टेस्टिंग और उनके प्रदर्शन के आधार पर स्टार-रेटिंग दी जाएगी। इससे देश में लागू एमिशन नॉर्म और यहां के जलवायु के आधार पर गाइडलाइंस बनाई जाएगी और गाड़ियों की सेफ्टी टेस्ट की जाएगी