भारत में ई फॉर्मूला चैंपियनशिप की शुरूआत,आज से हैदराबाद में ABB FIA Formula E World Championship का हुुआ आगाज
टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रिफिकेशन में बदलाव के लिए एबीबी एफआईए फॉर्मूला ई विश्व चैंपियनशिप (ABB FIA Formula E World Championship ) की पहली रेसआज से हैदराबाद में शुरु हो गई।फ़ॉर्मूला ई दुनिया भर में एक नया खेल है। (जागरण फोटो)
By Ayushi ChaturvediEdited By: Ayushi ChaturvediUpdated: Sat, 11 Feb 2023 04:52 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। सस्टेनेबल मोबिलिटी के लिए मंच तैयार करते हुए, टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रिफिकेशन में बदलाव के लिए एबीबी एफआईए फॉर्मूला ई विश्व चैंपियनशिप (ABB FIA Formula E World Championship ) की पहली रेसआज से हैदराबाद में शुरु हो गई। एफआईए विश्व चैम्पियनशिप फॉर्मूला ई सीज़न के नौवें सीजन की चौथी दौड़, प्रतियोगिता में ग्यारह टीमें दो ड्राइवरों के साथ पोडियम पर एक स्थान के लिए एक दूसरे से कंपटीशन करेंगी।
ABB FIA Formula E World Championship
फ़ॉर्मूला ई दुनिया भर में एक नया खेल है। जिसका पहला संस्करण 2011 में हुआ था। फ़ॉर्मूला ई, फ़ॉर्मूला वन का इलेक्ट्रिक समान है और इसी तरह इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बढ़ रही दुनिया में यह काफी लोकप्रिय हो रहा है।ऐसे समय में जब कई लोग जीवाश्म ईंधन पर चलने वाली F1 कारों के ऊपर सवाल उठा रहे हैं उसी तरह से F1 2026 सीज़न से 100 प्रतिशत स्थायी ईंधन का उपयोग करेगा, साथ ही उत्सर्जन पर भी अपना पूरा ध्यान केंद्रित करेगा।
formula-e रेस
फॉर्मूला ई रेसिंग कारें हालांकि, उत्सर्जन से पूरी तरह से मुक्त हैं, जबकि ड्राइवरों और टीमों की ओर से मांग की जाने वाली स्पीड और कौशल के साथ हर बिट के रूप में बढ़ने का वादा करती हैं। फॉर्मूला ई भी नए जगहो की सर्च कर रहा है और इस साल कैलेंडर पर न केवल हैदराबाद बल्कि दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन और ब्राजील के साओ पाउलो की शुरुआत हुई है।आपको इसे समझना महत्वपूर्ण है कि फ़ॉर्मूला ई फ़ॉर्मूला वन से बहुत अलग है, न कि केवल इलेक्ट्रिक होने से बल्कि जगहों में बदलाव होने से भी। भारत के रेलवे पर 300 से अधिक इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव एबीबी-निर्मित ट्रैक्शन कन्वर्टर और मोटर्स पर चलते हैं, जबकि 80 प्रतिशत महानगरों में एबीबी ड्राइव, स्विचगियर और इलेक्ट्रिक पैनल हैं।