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दोपहिया वाहनों से होने वाली दुर्घटना पर कसेगी लगाम! WHO ने हेलमेट के इस्तेमाल के लिए जारी की नई गाइडलाइन

WHO ने दो और तीन पहिया वाहनों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए IIT दिल्ली के साथ मिलकर नई गाइडलाइन जरी की हैं। ये गाइडलाइन हेलमेट के इस्तेमाल और पैदल चलने वालों की सुरक्षा को लेकर लाए गए हैं।

By Sonali SinghEdited By: Updated: Mon, 12 Sep 2022 11:58 AM (IST)
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WHO ने हेलमेट के इस्तेमाल के लिए जरी की नई गाइडलाइन
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। NCRB के एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में दोपहिया वाहनों से होने वाले एक्सीडेंट और मौतों की संख्या सबसे ज्यादा है। 2021 में 1.55 लाख लोग रोड दुर्घटनाओं में मारे गए थे, जो कि साल 2020 में होने वाली दुर्घटनाओं से 17 प्रतिशत ज्यादा है। इन सभी को ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सड़क यातायात से होने वाली दुर्घटनाओं और मौतों को रोकने के लिए हेलमेट के उपयोग और पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए नई गाइडलाइंस जारी किए हैं।

लाई गई हेलमेट रूल में दो गाइडलाइन को रखा गया है, जिसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के विशेषज्ञों की मदद से बनाया गया है। इसमें IIT के एक्सपर्ट दो पहिया वाहनों के सवारों के लिए हेलमेट के उपयोग और पैदल यात्रियों की सुरक्षा पर दिशानिर्देशों लाने के लिए बहुत से केस स्टडी का सहारा किया है।

नई गाइडलाइन 2023 तक कर सकती है दुर्घटनाओं को कम

WHO में सेफ्टी एंड मोबिलिटी के प्रमुख डॉ नहान ट्रान ने कहा, " नई नीति निर्माताओं को सेफ मोबिलिटी सिस्टम को बनाने में मदद करेंगी, जो 2030 तक दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों को आधा करने में महत्वपूर्ण है।"

उन्होंने आगे कहा, "खराब बुनियादी ढांचे के साथ, मोटरसाइकिल, स्कूटर, साइकिल और ई-बाइक तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे जीवन रक्षक हेलमेट का उपयोग जरूरी है। इसलिए कई सारे केस स्टडी पर आधारित ये गाइडलाइंस निर्धारित जीवन बचाने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण काम करती है।"

IIT दिल्ली ने किया था प्रोग्राम का आयोजन

गाइडलाइन दिनेश मोहन मेमोरियल संगोष्ठी में शुरू की गई थी, जो सड़क यातायात की चोटों और अनजाने में होने वाली चोटों को कम करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मंच के तौर पर काम करता है। इसे आईआईटी के ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च इंजरी परिवेंशन केंद्र द्वारा आयोजित किया गया था, जिसे वोल्वो रिसर्च एजुकेशन फाउंडेशन से सपोर्ट मिला।

डरावनी हैं सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 

जानकारी के लिए बता दें कि डब्ल्यूएचओ के टॉप अधिकारियों के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं में हर साल 13 लाख से अधिक लोग मारे जाते हैं । जिसमें से कम आय वाले देशों में इन दुर्घटनाओं से 10 में से नौ लोगों की मौत हो जाती है।

डब्ल्यूएचओ को रिपोर्ट की गई सभी दुर्घटना में होने वाली मौतों में से लगभग 30 प्रतिशत में दो और तीन पहिया वाहन शामिल हैं। वहीं, पूरे चेहरे को ढंकने वाले हेलमेट, पहने होने की वजह से घातक चोटों को 64 प्रतिशत तक और सर पर लगने वाले चोटों को 74 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।

दूसरी तरफ, IIT दिल्ली की के प्रोफेसर गीता तिवारी द्वारा साझा किए गए आंकड़ो के मुताबिक, भारत में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली सभी मौतों में पैदल चलने वालों का हिस्सा 30 प्रतिशत है। कुछ बड़े भारतीय शहरों में, पैदल चलने लोगों की सड़क दुर्घटना में मरने की संख्या का अनुपात सभी सड़क यातायात मौतों का 60 प्रतिशत तक है।