GNSS लागू होने के बाद मंथली पास से मिलेगा छुटकारा, टोल-फ्री रहेगा 20 किमी का सफर
भविष्य में जीएनएसएस व्यवस्था लागू होने के बाद टोल गेट नहीं होंगे इसलिए इस सुविधा को निरंतर रखने के लिए जीएनएसएस के नियम को शामिल किया गया है। इसके तहत यदि दूरी 20 किलोमीटर या उससे कम होगी तो टोल टैक्स नहीं कटेगा। GNSS लागू होने के बाद सेटेलाइट के माध्यम से उतनी ही दूरी का टोल टैक्स कटेगा जितना लोग सफर करेंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्गों पर ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम लागू होने के बाद 20 किलोमीटर टोल टैक्स रहित यात्रा को लेकर जो भ्रम फैला है, उसे सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने स्पष्ट किया है। मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन ने बताया कि वर्तमान व्यवस्था में भी टोल टैक्स के पास रहने वाले स्थानीय निवासियों को बीस किलोमीटर यात्रा की छूट दी जाती है।
GNSS की वजह से नहीं होंगे टोल गेट
अभी उन्हें इस सुविधा के लिए कुछ शुल्क देकर मासिक बनवाना पड़ता है। भविष्य में जीएनएसएस व्यवस्था लागू होने के बाद टोल गेट नहीं होंगे, इसलिए इस सुविधा को निरंतर रखने के लिए जीएनएसएस के नियम को शामिल किया गया है। इसके तहत एक बिंदु से आने और जाने पर यदि वह दूरी 20 किलोमीटर या उससे कम होगी तो टोल टैक्स नहीं कटेगा।
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जितनी दूरी का सफर, उतना लगेगा टोल टैक्स
सचिव ने बताया कि इसके अलावा GNSS से उन यात्रियों को भी लाभ मिलेगा, जो कम दूरी की यात्रा करते हैं। अभी यदि कोई यात्री वाहन एक टोल गेट से प्रवेश करता है तो उसे अगले टोल गेट तक की दूरी का भुगतान करना पड़ता है, भले ही वह उस गेट से पहले वाले कट से निकासी कर ले। मगर, GNSS लागू होने के बाद सेटेलाइट के माध्यम से उतनी ही दूरी का टोल टैक्स कटेगा, जितने किलोमीटर की यात्रा नेशनल हाईवे पर की जाएगी।