देश को मिलने जा रही है एक और एक्सप्रेसवे की सौगात, दिल्ली से कोलकाता आने-जाने में होगी आसानी
Upcoming Expressways in India सरकार द्वारा प्रस्तावित वाराणसी-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के बनने के बाद 17 घंटे में दिल्ली से कोलकाता की यात्रा की जा सकेगी। अधिकारियों ने कहा है कि 3000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के 2026 तक तैयार होने की उम्मीद है। (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। देश में लगातार सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। आए-दिन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी नई परियोजनाओं का लोकार्पण या शिलान्यास करते रहते हैं। इसी कड़ी में देश को एक नए एक्सप्रेसवे की सौगात मिलने जा रही है।
NHAI देश में वाराणसी एक्सप्रेसवे की योजना बना रहा है। इसके बनने के बाद केवल 17 घंटे में दिल्ली से कोलकाता तक का सफर किया जा सकेगा। कहा जा सकता है कि जल्द ही, दिल्ली में रहने वाले अगले दिन का लंच कोलकाता पहुंच कर सकते हैं। क्या है वाराणसी एक्सप्रेसवे को लेकर पूरी जानकारी, आइए जान लेते हैं।
दिल्ली से कोलकाता जाने होगा आसान
सरकार द्वारा प्रस्तावित वाराणसी-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के बनने के बाद 17 घंटे में दिल्ली से कोलकाता की यात्रा का जा सकेगी। अधिकारियों ने कहा है कि 3,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के 2026 तक तैयार होने की उम्मीद है। एक बार तैयार हो जाने पर, शहरों के बीच यात्रा का समय 6-7 घंटे तक कम हो जाएगा।
प्रस्तावित एक्सप्रेसवे के संरेखण को अंतिम रूप दिया गया और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव के नेतृत्व में सितंबर 2021 में एक बैठक में मंजूरी दी गई, ताकि समय और लागत बचाने के लिए प्रमुख शहरों को राजमार्ग और इसके स्पर्स के माध्यम से जोड़ा जा सके। NHAI के अनुसार, वाराणसी से कोलकाता तक access-controlled expressway चंदौली जिले में वाराणसी रिंग रोड से शुरू होगा और बंगाल के हावड़ा जिले में उलुबेरिया के पास NH-16 से मिलेगा।
इन शहरों को मिलेगा लाभ
प्रस्तावित एक्सप्रेसवे मोहनिया, रोहतास, सासाराम, औरंगाबाद, गया, चतरा, हजारीबाग, रांची, बोकारो, धनबाद, रामगढ़, पुरुलिया, बांकुरा, पश्चिम मेदिनीपुर, हुगली और हावड़ा से होकर गुजरेगा। एक्सप्रेसवे के लिए जमीन का प्रारंभिक सीमांकन करने का काम शुरू हो गया है। आपको बता दें कि वर्तमान में, वाराणसी और कोलकाता के बीच अधिकांश यातायात NH-19 (पुराने NH-2) के माध्यम से होता है, जो स्वर्णिम चतुर्भुज का हिस्सा है। NH-19 का अधिकांश भाग 6-लेन है, जिसमें कई चार-लेन के खंड भी हैं।