नए निवेश के साथ नेटवर्क विस्तार में जुटीं आटो कंपनियां, ये है फ्यूचर प्लान
मारुति सुजुकी हुंडई मर्सिडीज किआ एमजी मोटर जैसी कंपनियां तेजी से डीलरशिप और टच-प्वाइंट्स खोलने जा रही हैं जिससे ग्राहकों की मांग के मुताबिक उन्हें ना सिर्फ शीघ्रता से कारों की आपूर्ति हो सके बल्कि बिक्री बाद सेवा की गुणवत्ता भी बेहतर हो। भारतीय आटो क्षेत्र में सात अरब डालर (तकरीबन 60 हजार करोड़ रुपये) का निवेश होने जा रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगले पांच वर्षों में देशी और विदेशी आटोमोबाइल कंपनियां भारतीय बाजार में सात अरब डालर का निवेश करेगी। इसके साथ ही वही बड़े पैमाने पर नेटवर्किंग चैनलों (डीलरशिप व टच-प्वाइंट्स) का भी विस्तार करने की तैयारी में हैं।
कंपनियां कर रही हैं ये प्लान
मारुति सुजुकी, हुंडई, मर्सिडीज, किआ, एमजी मोटर जैसी कंपनियां तेजी से डीलरशिप और टच-प्वाइंट्स खोलने जा रही हैं, जिससे ग्राहकों की मांग के मुताबिक उन्हें ना सिर्फ शीघ्रता से कारों की आपूर्ति हो सके बल्कि बिक्री बाद सेवा की गुणवत्ता भी बेहतर हो।
इन कंपनियों से बात करने के बाद जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में ही देश में बड़े व मझोले स्तर के कम से कम 600 डीलर केंद्र खोले जाने हैं। इसके अलावा छोटे आकार के आटोमोबाइल टच-प्वाइंट्स (सिर्फ सर्विस देने के लिए) खोले जाएंगे। इनमें से कुछ मोबाइल सर्विस केंद्र भी होंगे।
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एक छोटे आकार के आटो डीलर के यहां स्थायी तौर पर दो दर्जन लोगों को रोजगार मिलता है। आटोमोबाइल उद्योग के बारे में अध्ययन रिपोर्टें बताती हैं कि इसका देश के कुल जीडीपी में सात प्रतिशत से ज्यादा का योगदान है। जबकि प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर 15 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है।
हाल ही में आटोमोबाइल सेक्टर पर जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अगले तीन से चार वर्षों में भारतीय आटो क्षेत्र में सात अरब डालर (तकरीबन 60 हजार करोड़ रुपये) का निवेश होने जा रहा है।