सुस्त मैन्यूफैक्चरिंग उद्योग का चमकता सितारा बना आटो उद्योग, कार में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार भारत
भारतीय आटोमोबाइल उद्योग नई अंगड़ाई ले चुका है। तीन वर्षों बाद आटोमोबाइल और आटोपार्टस बनाने वाली कंपनियों ने ना सिर्फ जबरदस्त विकास हासिल की है। ताजे आंकडे बताते हैं कि भारत पैसेंजर कारों की बिक्री के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन चुका है।
By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Fri, 06 Jan 2023 08:15 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय आटोमोबाइल उद्योग नई अंगड़ाई ले चुका है। तीन वर्षों बाद आटोमोबाइल और आटोपार्टस बनाने वाली कंपनियों ने ना सिर्फ जबरदस्त विकास हासिल की है बल्कि आने वाले वर्षों में भी ग्रोथ की जमीन तैयार कर चुकी हैं। ताजे आंकडे बताते हैं कि भारत पैसेंजर कारों की बिक्री के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन चुका है। पहली बार भारतीय आटोमोबाइल पार्टस का निर्यात आयात को पार कर चुका है। घरेलू बाजार में वर्ष 2022 में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री इसके पिछले वर्ष के मुकाबले तकरीबन दस गुणा ज्यादा होने की संभावना है। सुजुकी, हुंडई, किया जैसी अंतरराष्ट्रीय ऑटो कंपनियां का भारतीयकरण पूरा हो चुका है और इसी राह पर मर्सिडीज, बीएमडब्लू जैसे लग्जरी कार बनाने वाली कंपनियां इस राह पर तेजी से बढ़ रही हैं।
आयात से ज्यादा किया जा रहा निर्यात
आटोमोबाइल कंपोनेंट्स मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन (एक्मा) के प्रेसिडेंट संजय कपूर बताते हैं कि, 'वर्ष 2022 में भारत ने 19 अरब डॉलर के आटो पार्ट्स का निर्यात किया जबकि आयात 18.3 अरब डॉलर का रहा है। आटो उन कुछ सेक्टर में शामिल है जहां आयात से ज्यादा निर्यात किया जा रहा है। हम ज्यादातर आटो पार्टस चीन से आयात करते हैं लेकिन वह घरेलू उद्योग को मजबूत कर रहा है।'
होने जा रहा है नया निवेश- एक्मा
एक्मा का आकलन है कि घरेलू आटोबाइल पार्टस सेक्टर में कुल 80 हजार करोड़ रुपये का नया निवेश होने जा रहा है। यह निवेश इलेक्टि्रक वाहनों से जुड़े सेक्टर में होने वाले निवेश के अतिरिक्त होगा। एक्मा के ही महानिदेशक विन्नी मेहता बताते हैं कि दुनिया की तमाम आटोमोबाइल निर्माता अब अपनी सप्लाई चेन के लिए चीन के साथ भारत की भी गिनती करने लगे हैं। यूरोपीय देशों से महंगे आटो पार्टस आयात करने वाली कंपनियों की पसंद भी भारत बनने लगा है।दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार बाजार बना भारत
स्टैंडर्ड एंड पुअर की ग्लोबल रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2022 में भारत में कुल 44 लाख वाहनों की बिक्री हुई है और जापान को (42 लाख बिक्री) को पीछे छोड़ कर भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार बाजार बन गया है। वैसे कार बिक्री की आधिकारिक डाटा देने वाली संस्थान सियाम (सोसायटी ऑफ आटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स ऑफ इंडिया) की रिपोर्ट अगले हफ्ते आएगी लेकिन इतना तय है कि भारत में कारों की बिक्री पिछले वर्ष रिकार्ड स्तर पर रही है।
निर्यात मोर्चे पर आ सकती है कुछ चुनौती
फेडरेशन आफ आटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन (फाडा) ने जो आंकड़े दिए हैं उसके मुताबिक अप्रैल-दिसंबर के दौरान सिर्फ पैसेंजर वाहनों की बिक्री ही 34.31 लाख की रही है। सियाम के डायरेक्टर जनरल राजेश मेनन कहते हैं कि निर्यात के मोर्चे पर वर्ष 2023 में कुछ चुनौती आ सकती है लेकिन भारतीय आटो सेक्टर ने वैश्विक मंच पर जो धाक जमाई है वह आने वाले समय में और मजबूत होगी। निवेश और बढ़ेगा। जो ट्रेंड है उससे साफ है कि भारत के कार उद्योग की तस्वीर भी काफी बदल गई है। कई छोटी कारों का हब माने जाने वाले भारत में अब सबसे ज्यादा 10 लाख रुपये से ज्यादा की कारें (एसयूवी) बेची जा रही हैं।2023 में दस नी माडल लांच करेगी मर्सिडीज
मर्सिडीज बेंज के नये एमडी व सीईओ संतोष नायर ने शुक्रवार को बताया कि उनकी कंपनी वर्ष 2023 में भारतीय बाजार में दस नई माडल लांच करने जा रही है। इनमें से ज्यादातर मॉडलों की कीमत एक करोड़ रुपये से ज्यादा की होगी। वर्ष 2021 में कंपनी ने अभी तक की सबसे ज्यादा 15,822 कारें बेची और इनमें से 3500 कारों की कीमत एक करोड़ रुपये से ज्यादा की थी। हर मॉडल में सबसे महंगे वैरियंट की मांग सबसे ज्यादा रही है। बताते चलें कि संतोष अय्यर पहले भारतीय हैं जिसने मर्सिडीज बेंज ने अपना सीईओ नियुक्त किया है जो कंपनी की भारतीय बाजार में बढ़ते भरोसे को दिखाता है।
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