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Automobile Budget 2022: ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए कुछ खास नहीं रहा बजट, केवल इस सेक्टर पर दिया गया ध्यान

Auto budget 2023 Announcement for auto Sector EV ऑटो इंडस्ट्री को उम्मीद थी कि इस बजट 2023 में कम टर्नओवर वाली छोटी और मध्यम आकार की कंपनियों को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। (जागरण फोटो)

By Atul YadavEdited By: Atul YadavUpdated: Wed, 01 Feb 2023 01:23 PM (IST)
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इस साल भी इन मांगों को किया गया नजरअंदाज

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। ऑटो इंडस्ट्री को बजट 2023-24 से काफी उम्मीदें थी। हालांकि, पिछले साल की तरह इस साल भी सरकार का फोकस इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर ही है। बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमतें सस्ती होंगी। इस खबर में आपको बताने जा रहे हैं उन मांगो के बारे में जिसे इस साल भी नजरअंदाज किया गया है।

इस साल भी इन मांगों को किया गया नजरअंदाज

सेकेंड हैंड कार मार्केट की मांगे थी कि पुरानी कारों के लिए जीएसटी दरों को घटाकर 5 प्रतिशत किया जाए, लेकिन इस बजट में निराशा हाथ लगी। बता दें वर्तमान में, सब-4-मीटर कार में 12 प्रतिशत तक का जीएसटी टैक्स देना होता है, जबकि अन्य कारों (4 मीटर से अधिक लंबाई) में 18 प्रतिशत तक की जीएसटी लगती है।

सरकार ने 2021 में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए FAME-II योजना को 31 मार्च, 2024 तक बढ़ा दिया। उद्योग तारीखों को और आगे बढ़ाने की उम्मीद थी, लेकिन इस पर भी कोई ऐलान नहीं हुआ। आपको जानकारी के लिए बता दें, FAME-II योजना कुछ इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी और कर छूट की अनुमति देती है। यदि कोई ईवी योजना के लिए अर्हता प्राप्त करता है, तो उसकी मांग की कीमतों को काफी कम किया जा सकता है।

सरकार ने स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 2021 में पीएलआई (उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन) योजना शुरू की। योजना के अनुसार, एक कंपनी पांच साल के लिए कुछ प्रोत्साहनों के लिए पात्र होगी, यदि वे मानदंडों को पूरा करती हैं। ऑटो इंडस्ट्री को उम्मीद थी कि इस बजट में कम टर्नओवर वाली छोटी और मध्यम आकार की कंपनियों को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा। लेकिन इन बातों का जिक्र बजट संबोधन में नहीं हुआ

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