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क्या होता है Ethanol? TVS की बाइक में डालने के बाद क्या होगा इसका असर

Ethanol एक अलग प्रकार का ईंधन है जिसके इस्तेमाल प्रदूषण कम होता है यानी कि इसका इस्तेमाल कर वाहन भी चलाया जा सकता है

By Sajan ChauhanEdited By: Updated: Sun, 14 Jul 2019 07:00 AM (IST)
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क्या होता है Ethanol? TVS की बाइक में डालने के बाद क्या होगा इसका असर
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। इथेनॉल (Ethanol) एक अलग प्रकार का ईंधन है, जिसके इस्तेमाल प्रदूषण कम होता है यानी कि इसका इस्तेमाल कर वाहन भी चलाया जा सकता है और पर्यावरण को होने वाला नुकसान भी कम किया जा सकता है। टीवीएस मोटर ने भारत की पहली इथेनॉल से चलने वाली मोटरसाइकिल टीवीएस आरटीआर 200 एफआई ई100 आज 12 जुलाई को लॉन्च की है। यहां हम जानेंगें कि बाइक में इसके इस्तेमाल से क्या लाभ होता है।

इथेनॉल को घरेलू तौर पर बनाया जा सकता है, जिसके जरिए पेट्रोलियम के आयात पर निर्भरता कम की जा सकती है। एनर्जी सिक्योरिटी को बढ़ाया जा सकता है। यह नॉन-टॉक्सिक, बायोडिग्रेडेबल साथ ही सभालने में आसान, स्टोर और ट्रांसपोर्ट के लिए सुरक्षित है। यह रिन्यूएबल प्लांट सोर्स से बनाया जाता है।

इथेनॉल के फायदें

  • एक ऑक्सीजन युक्त फ्यूल, जिसमें 35 फीसद ऑक्सीजन होता है।
  • इथेनॉल के इस्तेमाल से नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आती है।
  • इसके इस्तेमाल से 35 फीसद कम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन होता है।
  • यह कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जन और सल्फर डाइऑक्साइड को भी कम करता है।
  • पेट्रोल इंजन को इथेनॉल और गैसोलीन के मिश्रण को बदलने के लिए मॉडिफाई किया जा सकता है।
  • इथेनॉल हाइड्रोकार्बन के उत्सर्जन को कम करता है।
ब्राजील में इथेनॉल की क्रांति

  • 40 साल की यात्रा- 70 के दशक की शुरुआत में गैसोलीन क्राइसेस
  • 1975 में राष्ट्रीय मिशन 'प्रोलकूल कार्यक्रम'
  • गन्ने की खेती और गन्ने की पिराई के पैमाने तैयार किए गए।
  • 100 फीसद इथेनॉल फ्यूल इंजनों के विकास को प्रोत्साहन दिया गया।
  • ऑटोमोबाइल के लिए देश भर में इथेनॉल की पहुंच अच्छी तरह से तैयार करना।
  • 1979 से ब्राजील की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने 100 फीसद इथेनॉल फ्यूल के अनुकल व्हीकल्स की पेशकश शुरू कर दी।
इथेनॉल की जरूरत

  • इथेनॉल फ्यूल इको-फ्रैंडली है और पर्यावरण को जीवाश्म ईंधन से होने वाले खतरों से बचाता है।
  • बायो फ्यूल घरेलू स्तर पर गन्ने के पौधों से तैयार किया जाता है।
  • एल्कोहल बेस्ड फ्यूल गैसोलीन के साथ मिश्रित होकर ई 85 तक तैयार हो गया।
  • कम लागत पर अधिक ऑक्टेन नंबर देता है और MTBE जैसे खतरनाक फ्यूल के लिए विकल्प के तौर पर कार्य करता है।
  • इंजन से हीट को निकालता है। 
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